
रबी सीजन 2025-26 की बुवाई को लेकर देशभर में अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल बुवाई तेजी से चल रही है और कुल 130.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष के 102.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में 27.83 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. यह बढ़ाेतरी लगभग 27.16 प्रतिशत की है, जो रबी फसलों के लिए एक सकारात्मक संकेत है. कृषि मंत्रालय की ओर से जारी 2025-26 रबी सीजन की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रमुख फसलों के तहत बुवाई में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
7 नवंबर तक हुई बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देश में गेहूं की बुवाई 22.72 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 9.98 लाख हेक्टेयर था. इसमें 127.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.74 लाख हेक्टेयर अधिक है. वहीं, धान (Rice) की बुवाई 6.18 लाख हेक्टेयर रही है, जो पिछले साल 5.71 लाख हेक्टेयर थी. इसमें 8.23 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई है.
दलहन वर्ग (Pulses) की फसलों में कुल मिलाकर 36.83 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जो पिछले साल 30.43 लाख हेक्टेयर थी. यह 21.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है. इनमें चना (Gram) की बुवाई 26.81 लाख हेक्टेयर रही, जबकि पिछले साल 20.51 लाख हेक्टेयर में की गई थी- यानी 30.71 प्रतिशत की वृद्धि. मसूर (Lentil की बुवाई 4.38 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष 4.13 लाख हेक्टेयर थी, इसमें 6.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
मटर (Fieldpea की बुवाई 3.38 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है, जो पिछले साल 2.51 लाख हेक्टेयर थी. हालांकि, उड़द (Urdbean की बुवाई 0.53 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष के 0.97 लाख हेक्टेयर से कम है, वहीं मूंग (Moongbean) की बुवाई 0.33 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष 0.37 लाख हेक्टेयर थी. कुल्थी और अन्य दलहन फसलों की बुवाई क्रमशः 0.82 लाख हेक्टेयर और 0.68 लाख हेक्टेयर पर लगभग स्थिर रही है.
मोटे अनाज (श्री अन्न) श्रेणी में कुल बुवाई में 12.30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इस साल कुल 10.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल यह 9.02 लाख हेक्टेयर थी. इनमें ज्वार (Jowar) की बुवाई 5.28 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष 5.26 लाख हेक्टेयर थी. मक्का (Maize) की बुवाई 3.21 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष 2.83 लाख हेक्टेयर थी, इसमें 13.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
रागी (Ragi) की बुवाई 0.47 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है, जो पिछले वर्ष 0.38 लाख हेक्टेयर थी, इसमें लगभग 23.68 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वहीं, जौ (Barley) की बुवाई 1.12 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह केवल 0.51 लाख हेक्टेयर थी यानी इसमें 118 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
इसके अलावा तिलहन (Oilseeds) फसलों के मोर्चे पर भी स्थिति मजबूत देखी जा रही है. 7 नवंबर तक कुल 54.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बुवाई हुई है, जो पिछले वर्ष 47.35 लाख हेक्टेयर थी. यानी इसमें 7.11 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी (लगभग 15 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है.
इनमें रेपसीड और सरसों (Rapeseed & Mustard) की बुवाई 53.35 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले वर्ष 46.15 लाख हेक्टेयर थी यानी 7.21 लाख हेक्टेयर की वृद्धि (15.63 प्रतिशत). सूरजमुखी (Sunflower) की बुवाई 0.09 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले साल 0.04 लाख हेक्टेयर थी. कुसुम (Safflower) की बुवाई 0.19 लाख हेक्टेयर रही, जबकि पिछले साल यह 0.04 लाख हेक्टेयर थी.
हालांकि मूंगफली (Groundnut) की बुवाई 0.34 लाख हेक्टेयर रही है, जो पिछले वर्ष 0.44 लाख हेक्टेयर से घटकर -0.10 लाख हेक्टेयर की कमी दिखाती है. इसी तरह अलसी (Linseed) की बुवाई 0.46 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष 0.65 लाख हेक्टेयर थी यानी -0.19 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है. इस बार रबी सीजन में किसानों ने गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की बुवाई में उत्साह दिखाया है.