हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी खेती से जुड़ी हुई है. खेती करने वाले ज्यादातर किसान अब नकदी फसलों की खेती की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं. नकदी फसलों का मतलब ये है कि कटाई के तुरंत बाद ही कमाई शुरू हो जाए. अगर आप भी ऐसे ही किसी फसल की तलाश में हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. रबी सीजन और नवंबर के महीने में पालक की खेती करना किसानों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. पालक से जुड़े कई हेल्थ बेनेफिट्स के बारे में आपने सुना होगा साथ ही ये भी बता दें कि ये सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाली साग भी है.
पालक की खेती जितना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है उतना ही किसानों की आय के लिए भी. पालक की खेती करके 40-45 दिनों में ही कमाई शुरू की जा सकती है. पालक उगाने के डेढ़ महीने में ही काटने योग्य हो जाती है. इतना ही नहीं 20-25 दिनों के अंतराल में चार से पांच बार इसकी कटाई की जा सकती है. सर्दी के दिनों में पालक से सब्जी, दाल, सलाद और जूस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जिससे इसकी बाजार मांग जबरदस्त है. मांग अधिक होने की वजह से इसकी कीमत भी अधिक होती है जिससे किसानों को फायदा होता है.
पालक की बुवाई साल के किसी भी मौसम में की जा सकती है लेकिन रबी सीजन उपयुक्त माना जाता है. खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी अधिक अच्छी मानी जाती है. सबसे पहले पूरे खेत की भुरभुरी जुताई कर 10 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर की सड़ी खाद डालकर पाटा चला लेना चाहिए
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अब पूरे खेत में पंक्तियां बनाएं और इनमें 2-5 सेमी गहराई में बीज रोपें. पंक्तियों के बीच 6 इंच की दूरी बनाएं ताकि जल जमाव की स्थिति ना बने. एक हेक्टेयर खेत में 20-30 किलो बीज का उपयोग करें. मिट्टी के नमी की जांच कर सिंचाई करते रहें. पालक के पत्तों में रोग और कीट का भी खतरा होता है, एक्सपर्ट्स की सलाह पर दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
पालक के पत्तों से जुड़े कई हेल्थ बेनिफिट्स भी बताए जाते हैं. पालक में एंटी-इंफ्लेमेटरी, आयरन, कैल्शियम, फाइबर और कई तरह के विटामिन सहित ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं. ब्लड प्रेशर और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने के साथ पाचन भी दुरुस्त रखता है. पालक हड्डी, मांसपेशियां, स्किन और बालों के लिए भी फायदेमंद है.