मोंक फल मिठास से है भरपूर... फिर भी डायबिटीज से रहेंगे दूर, जानें खासियत

मोंक फल मिठास से है भरपूर... फिर भी डायबिटीज से रहेंगे दूर, जानें खासियत

अक्सर जब लोग बीमार होते हैं तो डॉक्टर दवाइयों के साथ फल खाने का सलाह देते हैं. लेकिन, अगर वह फल मीठा हो तो शुगर वाले मरीजों के लिए यह समस्या का कारण बन जाता है. ऐसे में मोंक फल के बारे में जानना जरूरी है.

मोंक फल मिठास से है भरपूर, फोटो साभार: freepikमोंक फल मिठास से है भरपूर, फोटो साभार: freepik
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Mar 06, 2023,
  • Updated Mar 06, 2023, 7:19 PM IST

अक्सर जब लोग बीमार होते हैं तो डॉक्टर दवाइयों के साथ फल खाने का सलाह देते हैं, लेकिन अगर वह फल मीठा हो तो शुगर वाले मरीजों के लिए यह समस्या का कारण बन जाता है. ऐसे में आज हम आपको ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, ज‍िसमें म‍िठास भरपूर है, लेक‍िन वह शुगर के मरीजों के लिए वरदान की तरह है. इस फल का नाम है मोंक फ्रूट है. व‍िशेष है क‍ि इस फल में कैलोरी नहीं होती है. इसे खाकर भी डायबिटीज नहीं होती. आइए जानते हैं इस फल की क्या है खासियत. 

मोंक फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें एमिनो एसिड, फ्रक्टोज, विटामिन भरपूर मात्रा में शामिल होते हैं. इस फस की खास बात यह है कि इसका प्रयोग पेय पदार्थ और पके हुए भोजन में प्रयोग करने पर पर भी इसका मिठास कायम रहता है. वहीं इसके पल से विशेष प्रकार का पाउडर (मोंगरो साइड) निकाला जाता है. जिसे लोग दूध, चाय और मिठाइयों में डालकर इसका इस्तेमाल करते हैं. साथ ही यह फस एक हजार रुपये किलो बिकता है. 

कहां का है यह फल, भारत में कहा होती है खेती

मोंक फल में कई औषधीय गुण हैं. यह फल चीन के दक्षिण क्षेत्रों में पाई जाता है. यह तिब्बती क्षेत्रों के नजदीक पाया जाती है, जहां भिक्षु साधु रहते हैं. वहां साधुओं के रहने की वजह से इसका नाम भिक्षु फल यानी मोंक फल नाम पड़ा है. वहीं भारत में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पालमपुर स्थित प्रयोगशाला सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन बायोरिसोर्स एंड टेक्नोलॉजी की मदद से हिमाचल प्रदेश के पालमपुर, चंबा और कुल्लू में की गई. तीन साल के टेस्टिंग के बाद इसे पहली बार हिमाचल प्रदेश में उगाया गया.

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कितना होता है मुनाफा

मोंक फ्रूट का पौधा करीब छह महीने में फल देने लगता है. वहीं इसका पेड़ पांच साल तक फल देता है. इसके छिलके को हटाकर इसका रस निकाला जाता है. इसके बाद उसका पाउडर बना कर प्राकृतिक मिठास के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इससे किसान प्रति हेक्टेयर की खेती में 3-4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं. साथ ही मोंक फ्रूट का पाउडर 30 हजार रुपये किलो बिकता है.

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