Makka Farming: पूर्वांचल के देवरिया समेत इन जिलों में 'मक्का' की खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों को एक साथ होंगे कई फायदे, जानें- कैसे?

Makka Farming: पूर्वांचल के देवरिया समेत इन जिलों में 'मक्का' की खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों को एक साथ होंगे कई फायदे, जानें- कैसे?

क्षेत्रीय अनुकूलता तथा उपलब्ध संसाधनों के आधार पर फसलों एवं प्रजातियों का चयन कर कृषि की उन्नत प्राविधिकी का प्रयोग कर उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु जनपद पर समुचित रणनीति पर कार्य योजना तैयार की जा रही है.

यूपी के किसान आर्थिक रूप से होंगे संपन्नयूपी के किसान आर्थिक रूप से होंगे संपन्न
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Oct 09, 2023,
  • Updated Oct 09, 2023, 8:51 AM IST

UP News: योगी सरकार किसानों की हर जरूरत को पूरा करने को तत्पर है. किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही सरकार का फोकस उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने तथा उत्पादन लागत को कम करने पर भी है. फसल सघनता में वृद्धि के लिए किसानों को साल में दो या तीन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो खरीफ में बुवाई से खाली खेतों में तोरिया अथवा लाही की बुवाई के लिए जागरूक किया जाएगा. वहीं, जिन क्षेत्रों में गन्ना की खेती हो रही है, वहां गन्ने से खाली होने वाले खेतों तथा शीघ्र पकने वाली अरहर से खाली खेतों में देरी की दशा में बोई जाने वाले गेहूं की प्रजातियों की बुवाई को भी सरकार प्रोत्साहित कर रही हैय

देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलिया, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, आजमगढ़, बस्ती, बाराबंकी, अयोध्या, सीतापुर खीरी और जौनपुर, जहां मक्का की खेती होती है वहां संकर मक्का की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसी तरह उत्पादकता में वृद्धि के लिए न्यूनतम उत्पादकता वाले ब्लॉक के संबंध में खास रणनीति भी तैयार की जाएगी.

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जानकारों के मुताबिक, क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में सर्वाधिक क्षेत्र में गेहूं की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है. जलवायुविक भिन्नताओं, संसाधनों की कमी, कृषि निवेशों के असंतुलित प्रयोग तथा उन्नत तकनीक का पूरा लाभ न लेने के कारण प्रदेश में गेहूं की उत्पादकता पंजाब एवं हरियाणा की अपेक्षा कम है. प्रदेश के विभिन्न जनपदों की विभिन्न फसलों की उत्पादकता में भी भारी अन्तर है. उत्पादकता वृद्धि के लिए न्यूनतम उत्पादकता वाले ब्लाक, न्याय पंचायत के सम्बन्ध में भी समुचित रणनीति बनाकर त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु जनपद स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न फसलों की ब्लाक, न्याय पंचायतवार उत्पादकता को आधार मानकर योजनाएं बनाकर सघन पद्धतियों को लागू करने की योजना है.

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क्षेत्रीय अनुकूलता तथा उपलब्ध संसाधनों के आधार पर फसलों एवं प्रजातियों का चयन कर कृषि की उन्नत प्राविधिकी का प्रयोग कर उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु जनपद पर समुचित रणनीति पर कार्य योजना तैयार की जा रही है. उत्तर प्रदेश यही नहीं, पावर कारपोरेशन, सिंचाई विभाग एवं नलकूप विभाग को स्पष्ट निर्देश है कि फसल उत्पादन के समय बिजली की आपूर्ति, नहरों में रोस्टर के अनुसार पानी चलने, सरकारी नलकूपों को कार्यरत रखा जाए. बीज शोधन के उपरान्त ही बीज की बुआई हेतु कृषकों को प्रेरित किया जाय. सूक्ष्म पोषक तत्व का प्रयोग मृदा परीक्षण के उपरान्त करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है. ऐसे में इस पर विशेष बल दिया जाएगा.

दिसंबर में होगा भव्य कृषि कुंभ का आयोजन

आपको बता दें कि योगी सरकार दिसंबर में संभावित कृषि कुंभ 2.0 को अभूतपूर्व बनाने की तैयारियों में जुट गई है. नवीन तकनीक व नवाचार से भी यूपी के किसान अवगत होकर तकनीकी रूप से और संपन्न होंगे. इसका आयोजन लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में कराया जाएगा. जहां देश-दुनिया के लगभग दो लाख से अधिक किसान यूपी की कृषि संस्कृति से अवगत होंगे. इससे पहले 2017 में योगी सरकार के गठन के पश्चात 2018 में कृषि कुंभ 1.0 आयोजित किया गया था, जो काफी सफल रहा था.
 

 

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