
देशभर में मक्का (Maize) के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे आ गए हैं. रिकॉर्ड फसल, घटती डिमांड और बढ़ी हुई आवक के चलते किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. देश की कई मंडियों में मॉडल प्राइस (जिस रेट पर मंडियों में खरीद होती है) 1,300 रुपये से 2,100 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जबकि सरकार द्वारा तय MSP 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है.
तेलंगाना ने किसानों को राहत देने के लिए 8 लाख टन मक्का की सरकारी खरीद शुरू कर दी है. अब तक लगभग 20,584 क्विंटल मक्का 50 करोड़ रुपये की लागत से खरीदा गया है.
इस साल किसानों ने बेहतर कीमत की उम्मीद में मक्का की बुवाई का रकबा 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाते हुए 94 लाख हेक्टेयर कर दिया. हालांकि कुछ क्षेत्रों में अधिक बारिश और चक्रवात ‘मोंथा’ से फसल को नुकसान पहुंचा, लेकिन कुल मिलाकर उत्पादन पिछले साल से अधिक रहने का अनुमान है.
IGrain India के राहुल चौहान ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, इथेनॉल प्रोड्यूसर्स की ओर से मक्का की डिमांड कम होने से भी दामों पर दबाव आया है. उन्होंने कहा, “सरकार ने 2025–26 में इथेनॉल उत्पादन के लिए 52 लाख टन चावल आवंटित किया है, जिससे मक्का की मांग और कम हुई है.”
इसके अलावा, इथेनॉल उत्पादन के दौरान बनने वाला DDGS (Distillers’ Dried Grains with Solubles) अब पोल्ट्री फीड सेक्टर में अधिक इस्तेमाल हो रहा है, जिससे मक्का की खपत घट रही है.
महाराष्ट्र के जालना और सांगली जैसे प्रमुख मक्का उत्पादक जिलों में कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. पिछले साल अक्टूबर में जहां भाव 1,900 रुपये–2,450 रुपये प्रति क्विंटल थे, वहीं इस बार जलना APMC में कीमत 950–1,800 रुपये तक रह गई.
सांगली के किसान बाबा सावंत ने कहा, “भले ही बारिश से नुकसान हुआ है, लेकिन बुवाई बढ़ने के कारण आवक भी अधिक है, जिससे कीमतें और नीचे जा सकती हैं.”
एग्रो-इंडस्ट्रियलिस्ट पी. पी. पवार के अनुसार, पिछले साल इथेनॉल की ज्यादा डिमांड के कारण मक्के की कीमतें अधिक थीं. “इस साल, इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए चावल और गन्ने का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. सरकार को मक्के से बनने वाले इथेनॉल की कीमत बढ़ानी चाहिए ताकि किसानों को कम से कम अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल सके,” पवार ने आगे कहा.
बाजार में कीमतें MSP से कम होने के कारण, तेलंगाना सरकार ने 11.50 लाख टन के अनुमानित उत्पादन में से लगभग 8 लाख टन मक्का 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदने का फैसला किया है. अब तक, तेलंगाना ने लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से 20,584 क्विंटल मक्का खरीदा है. राज्य भर में 123 केंद्रों पर चल रही मक्का खरीद 15 दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है.
हाल ही में आए साइक्लोन मोंथा ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों में फसल को नुकसान पहुंचाया. भारी बारिश से आई बाढ़ के कारण फसल पानी में डूब गई है. तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार से किसानों को इस संकट से निकालने के लिए मक्के को प्राइस सपोर्ट स्कीम में शामिल करने की अपील की है.
कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से Price Support Scheme के तहत मक्का को शामिल करने की मांग की है. तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा कि “राज्य सरकार किसानों की मदद के लिए 2,500 करोड़ रुपये की मक्का खरीद करेगी, लेकिन केंद्र से भी सहयोग जरूरी है.”
कृषि मंत्रालय के 2024–25 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, भारत का मक्का उत्पादन 422.81 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 376.65 लाख टन से काफी अधिक है.