महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे में दो किसानों को गिरफ्तार किया है जो प्याज की फसल के बीच अफीम की खेती कर रहे थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक खेत में प्याज और गुलदाउदी की फसल के बीच अफीम की खेती की जा रही थी. अफीम की फसल को अंतरफसल के रूप में लिया जा रहा था जिसकी भनक पुलिस को लग गई. पुलिस ने खेत पर तुरंत छापा मारा और दो किसानों को गिरफ्तार कर लिया. खेत से 10 किलो अफीम का बल्ब बरामद किया गया जिसकी बाजार में कीमत 21,000 रुपये है.
गिरफ्तार किसानों में दशरथ सीताराम बढ़ाधे (65) और तानाजी निवरुत्ती बड़ाधे (69) शामिल हैं. इन दोनों किसानों ने प्याज के बीच अफीम की खेती अंतरफसल के रूप में की थी. प्याज के बीच में अफीम इसलिए लगाया गया था ताकि बाहर से उसे कोई पहचान न सके. पुलिस को इस बात की जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच की एक टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया.
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इस काम में पुणे रूरल पुलिस को लगाया गया जिसने खेत में जाकर छानबीन शुरू की. घटना कोड़ित और पुरंदर गांव की है जहां के खेत में अफीम के पौधे लगाए गए थे. पुलिस ने छापा मारकर तुरंत अफीम के पोस्ता को अपने कब्जे में लिया. खेत से 10 किलो पोस्ता बरामद किया गया जिसकी कीमत 21000 रुपये बताई जा रही है.
भारत में, केवल मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के चुनिंदा क्षेत्रों में ही अफीम की खेती और खरीद की कानूनी अनुमति है और वह भी केंद्र सरकार की निगरानी में. देश के किसी भी अन्य हिस्से में इस पौधे की खेती अवैध है. खेती के लिए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स द्वारा चुनिंदा किसानों को लाइसेंस जारी किए जाते हैं. इन क्षेत्रों के अलावा अगर कहीं भी अफीम की खेती होती है तो पुलिस प्रशासन कार्रवाई कर सकता है.