Maharashtra Onion News: महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों के एक संगठन ने पिछले महीने राज्य में भारी बारिश के कारण अपनी फसल खोने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ 1 लाख रुपए का मुआवजा मांगा है. महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है. 29 मई को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी में महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) की तरफ से प्याज की 'पारदर्शी' खरीद की भी मांग की है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में प्री-मॉनसून बारिश ने महाराष्ट्र में 300 से ज्यादा गांवों को प्रभावित किया है और कई हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है.
कांदा उत्पादक संगठन की तरफ से लिखी गई चिट्ठी के अनुसार मई में महाराष्ट्र में असाधारण बारिश हुई है. इसमें कहा गया है कि जलगांव, धुले, नासिक, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, सोलापुर, बीड, धाराशिव, सांगली, बुलढाणा, अकोला, परभणी और जालना जैसे प्याज उत्पादक जिले बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिघोले और नासिक जिले के प्रमुख जयदीप भदाने की तरफ से इस चिट्ठी को साइन किया गया है. इस चिट्ठी की मानें तो 6 मई से भारी बारिश के कारण पूरे राज्य में प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है.
एसोसिएशन ने कहा कि कई किसानों ने अपनी पूरी रबी सीजन की फसल कटाई से पहले ही खो दी. संगठन की मांग है कि किसानों को प्रति एकड़ 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. एसोसिएशन ने आगे कहा कि जिन प्याज की कटाई की गई थी लेकिन उन्हें इकट्ठा नहीं किया गया था और उन्हें भी काफी नुकसान पहुंचा है. संगठन ने उन किसानों के लिए 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी की मांग की है जिन्हें अपनी फसल कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.
एसोसिएशन ने दावा किया, 'लगातार भारी बारिश के कारण हजारों टन प्याज खेतों में सड़ गया है जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. एसोसिएशन ने लिखा है, 'हम राज्य सरकार से तुरंत और सटीक रूप से नुकसान का आकलन करने और तुरंत मुआवजा देने की अपील करते हैं.' चिट्ठी में लिखा है कि नैफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ को केंद्रीय बफर स्टॉक के लिए कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) के जरिये से किसानों से सीधे 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम दर पर तीन लाख टन प्याज खरीदना चाहिए.
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