Millet Cultivation: केरल को मिला केंद्र का साथ, मिलेट की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरी प्लानिंग तैयार

Millet Cultivation: केरल को मिला केंद्र का साथ, मिलेट की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरी प्लानिंग तैयार

केरल में अट्टपडी तालुक में मोटे अनाज की खेती बढ़ाई जा रही है. यह तालुक पलक्कड़ जिले में पड़ता है जो कि अकेला आदिवासी बेल्ट है. इस तालुक में अभी 1200 हेक्टेयर में मोटे अनाज की पैदावार होती है जिसे बढ़ाकर 3,000 हेक्टेयर में ले जाने की प्लानिंग है.

केरल में मिलेट की खेती पहले से बढ़ रही हैकेरल में मिलेट की खेती पहले से बढ़ रही है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 03, 2023,
  • Updated Aug 03, 2023, 2:49 PM IST

मोटे अनाज की खेती (millets farming) को लेकर दक्षिणी राज्य केरल, केंद्र सरकार के साथ आया है. दरअसल, केंद्र सरकार मोटे अनाज यानी कि श्रीअन्न की खेती बढ़ाने के लिए देश में कई अभियान चला रही है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अभियान चल रहा है जिसका नाम है इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स. अभियान का मकसद है देश-विदेश में मोटे अनाजों की पैदावार को बढ़ाना. इसी कड़ी में केरल ने भी बड़ा कदम उठाया है. केरल के अट्टापडी जिले तालुक में मोटे अनाजों का रकबा बढ़ाया जा रहा है.

अट्टपडी तालुक पलक्कड़ जिले में पड़ता है जो कि अकेला आदिवासी बेल्ट है. केरल सरकार की प्लानिंग है कि यहां मिलेट की खेती बढ़ाई जाए. अभी यहां 1200 हेक्टेयर में मोटे अनाज की पैदावार होती है जिसे बढ़ाकर 3,000 हेक्टेयर में ले जाने की प्लानिंग है. 

अट्टापडी की एग्रीकल्चर असिस्टेंट डायरेक्टर आर लता ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, इस बार मोटे अनाज के उत्पादन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया जाएगा क्योंकि अप्रैल-मई-जून में जिन फसलों की बुआई हुई है, उनकी वृद्धि बेहद अच्छी है. पहले ही सीजन में मोटे अनाज का उत्पादन 520 लाख टन तक जा सकता है जबकि पिछले दो सीजन में मिलाकर 720 टन की पैदावार मिली है. 

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केरल में पूरी प्लानिंग तैयार

मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए केरल सरकार ने मिलेट विलेज प्रोजेक्ट शुरू किया है. साल 2017 में इस प्रोजेक्ट को अट्टापडी जिले में लॉन्च किया गया. इसके पीछे वजह रही कि मिलेट की पैदावार होने से अट्टापडी के जनजातीय लोगों की सेहत अच्छी रहेगी और कमाई में भी इजाफा होगा. आर लता कहती हैं कि मोटा अनाज चूंकि पारंपरिक फसल में आता है, इसलिए उसकी उपज कुछ कम होती है. लोग इसकी खेती भी कम करने लगे थे जिससे पैदावार घट गई थी. छुट्टा पशुओं से हो रही परेशानी से भी लोगों ने मोटा अनाज लगाना कम कर दिया था. लेकिन अब इसमें तेजी देखी जा रही है.

केरल सरकार ने मिलेट की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी देना शुरू किया है. इस सब्सिडी के पैसे से किसान खेतों के चारों ओर तारबंदी कर सकते हैं जिससे कि छुट्टा जानवर फसलों को बर्बाद न करें. सब्सिडी मिलने और तारबंदी होने से किसान फिर से मिलेट की खेती के प्रति जागरूक हो रहे हैं.

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खेती के लिए मिल रही सब्सिडी

केरल सरकार मिलेट के लिए देश में सबसे अधिक रेट देती है. केरल में यह रेट 40 रुपये किलो है जबकि अन्य राज्यों में 25 रुपये ही किसानों को मिलते हैं. यहां तक कि ऑर्गेनिक मिलेट के लिए किसानों को 60 रुपये का भाव मिल रहा है. इससे किसान अधिक से अधिक मिलेट की खेती में रुचि दिखा रहे हैं. अट्टापडी तालुक में 40 छोटे गांवों में 740 एकड़ में ऑर्गेनिक मोटे अनाज की खेती का सर्टिफिकेट मिला है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ने की संभावना है.

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