Kharif Sowing: प्री-मॉनसून बारिश से बढ़ा खरीफ फसलों का रकबा, किसानों ने इतने लाख हेक्‍टेयर में की बुवाई

Kharif Sowing: प्री-मॉनसून बारिश से बढ़ा खरीफ फसलों का रकबा, किसानों ने इतने लाख हेक्‍टेयर में की बुवाई

Kharif Sowing: कर्नाटक में प्री-मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश से किसानों को बुवाई में काफी फायदा मिला है. इस साल प्री-मानसून बारिश सामान्य से 149 फीसदी ज्यादा हुई है, जिससे खरीफ फसलों की समय से पहले बुवाई शुरू हो गई है. आइए जानते हैं कि कर्नाटक में खरीफ फसलों की बुवाई कैसे बढ़ी है.

Pre Monsoon Kharif Crops Sowing IncreasedPre Monsoon Kharif Crops Sowing Increased
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 03, 2025,
  • Updated Jun 03, 2025, 1:42 PM IST

कनार्टक में प्री-मॉनसून सीजन में हुई अच्‍छी बारिश से किसानों को बुवाई में काफी फायदा मिला है. इसके कारण यहां मक्का, दलहन, तिलहन और वाणिज्यिक फसलों की समय से पहले बुवाई को बढ़ावा मिला है. राज्‍य में प्री-मॉनसून अवधि यानी 1 मार्च से 31 मार्च के दौरान 149 प्रतिशत ज्‍यादा बारिश हुई है. इस दौरान यहां 286 मि‍मी बारिश दर्ज की गई है, जबकि‍ सामान्‍य प्री मॉनसून बारिश 115 मिमी मानी जाती है. कर्नाटक कृषि विभाग ने खरीफ की समय से पहले हुई बुवाई के आंकड़े जारी किए हैं. 

3.06 लाख हेक्टेयर में हुई बुवाई

ताजा आंकड़ो के अनुसार, 31 मई तक कुल 3.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बुवाई हुई. वहीं, पिछले साल 31 मई तक 2.36 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. कृषि विभाग 2025-26 खरीफ सीजन में 111.4 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है. इसमें से 96.14 लाख टन अनाज, 15.26 लाख टन दलहन उत्‍पादन का लक्ष्‍य है. कनार्टक सरकार को सीजन से 8.68 लाख टन तिलहन उत्पादन की भी उम्मीद है. 

खरीफ मक्‍का की बुवाई बढ़ी

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉनसून से पहले अच्‍छी बारिश को देखते हुए कई जिलों के किसान ज्‍वार, मक्‍का, कपास और उड़द जैसी फसलों बुवाई कर रहे हैं या अभी जमीन तैयार कर रहे हैं. राज्‍य में बड़ी मात्रा में खरीफ मक्का का उत्‍पादन होता है. 31 मई तक लगभग 0.714 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्‍का की बुवाई की जा चुकी है. पिछले साल 31 मई तक यहां 0.274 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मक्‍का की बुवाई हुई थी, जो लगभग 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है. वहीं, राज्‍य में 0.147 लाख हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई हुई है.

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तुअर की बुवाई धीमी

राज्‍य के किसान दलहन फसलों में शुरुआती बुवाई के समय उड़द, मूंग और लोबिया को ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं, जबकि‍ अभी अरहर (तुअर) की बुवाई धीमी है और क्षेत्र इसमें पिछड़ा हुआ है. हालांकि, राज्‍य में 31 मई तक कुल दलहन के रकबे में 0.78 लाख हेक्‍टेयर की बढ़ोतरी हुई है.

  • फसल            -  बुवाई क्षेत्र (31 मई तक)
  • अरहर (तुअर) - 0.041 लाख हेक्‍टेयर
  • उड़द -  0.126 लाख हेक्‍टेयर 
  • मूंग - 0.166 लाख हेक्‍टेयर 
  • लोबिया - 0.44  लाख हेक्‍टेयर 

गन्‍ना-तम्‍बाकू की खेती में रुचि ले रहे किसान

वहीं, अगर कमर्शियल क्रॉप्‍स यानी वाणिज्यिक फसलों की बात करें तो किसान गन्ना फसल में ज्‍यादा रुचि ले रहे हैं. राज्‍य में 31 मई तक 0.178 लाख हेक्‍टेयर में गन्‍ना, 0.667 लाख हेक्‍टेयर में तम्बाकू की बुवाई हो चुकी है. हालांकि, कपास की बुवाई में थोड़ी कमी आई है. 

वहीं, तिलहन की बुवाई में भी बढ़ोतरी हुई है. इस साल 31 मई तक 0.283 लाख हेक्‍टेयर में तिलहन की बुवाई हुई है, जो पिछले साल 0.227 लाख हेक्‍टेयर थी. इसमें 0.061 लाख हेक्‍टेयर में मूंगफली, 0.071 तिल की बुवाई हुई है. केवल सूरजमुखी का रकबा शुरुआत में कम हुआ है. पिछले साल 0.152 लाख हेक्‍टेयर के मुकबले 0.128 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में इसकी बुवाई हुई है.

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