'कनार्टक में बारिश-बाढ़ से 1.42 लाख हेक्‍टेयर फसल प्रभावित', किसानों का कर्ज माफ करने की उठी मांग

'कनार्टक में बारिश-बाढ़ से 1.42 लाख हेक्‍टेयर फसल प्रभावित', किसानों का कर्ज माफ करने की उठी मांग

कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ से 1.42 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई. जेडीएस नेता निखिल कुमारस्वामी ने किसानों के कर्ज माफ करने और प्रति हेक्टेयर 20-25 हजार मुआवजा देने की मांग की.

Crop damage due to heavy rainCrop damage due to heavy rain
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 03, 2025,
  • Updated Sep 03, 2025, 5:07 PM IST

कर्नाटक के जेडीएस नेता निखिल कुमारस्वामी ने बुधवार को राज्‍य की कांग्रेस सरकार से किसानों के कर्ज माफ करने की अपील की. निख‍िल कुमारस्‍वामी ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है. उन्‍हाेंने आरोप लगाया कि राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का कोई मंत्री दौरा नहीं कर रहा है. लेकिन, अगले हफ्ते जेडीएस की एक टीम- (पार्टी के विधायक और पूर्व नेता) विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगी और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.

34 प्रतिशत ज्‍यादा बारिश से फसल तबाह

जेडीएस युवा विंग के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य में भारी बारिश हुई और इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किट्टूर, कर्नाटक, कल्याणा कर्नाटक और हसन, चिक्कमगलुरु और शिवमोगा जैसे इलाकों में लगभग 34 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार सहित कोई मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं कर रहा और न ही कोई बयान दे रहा है. निखिल ने आरोप लगाया कि किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने और उन्हें उम्मीद देने की बजाय उप मुख्यमंत्री ने निजी हेलीकॉप्टर या जेट खरीदने पर चर्चा की, जिसकी लागत बहुत अधिक हो सकती है.

20 से 25 हजार मुआवजे की मांग

निखिल ने बताया कि एक हेलीकॉप्टर की कीमत लगभग 80 करोड़ रुपये और निजी जेट 150 करोड़ रुपये तक हो सकती है. उन्होंने सवाल किया कि जब उनके पास इन चीजों पर चर्चा करने का समय है तो किसानों के लिए सोचने का समय क्यों नहीं है?निखिल ने आगे कहा कि सरकार की ओर से एनडीआरएफ मानदंडों के तहत प्रति हेक्टेयर 6,800 रुपये मुआवजे का प्रस्ताव रखा गया था, जबकि किसान 20,000-25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग कर रहे हैं.

'किसान यूरिया ब्‍लैक में खरीदने को मजबूर'

उन्होंने यह भी कहा कि जून और जुलाई में सरकार ने पर्याप्त यूरिया उपलब्ध नहीं कराया, जिससे किसानों को जबकि सामान्य कीमत 266 रुपये की बजाय ब्लैक मार्केट से 1,000-1,200 रुपये प्रति बैग में खरीदना पड़ा. निखिल ने आरोप लगाया कि किसानों के हितों के लिए राज्य के कृषि मंत्री (चेलुवरायस्वामी) सो रहे हैं.

उन्होंने याद दिलाया कि उनके पिता और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने अपने कार्यकाल में किसानों के कर्ज माफ किए थे. उन्होंने कहा कि लगभग 1,42,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है और सरकार को किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि नॉर्थ कर्नाटक में 70 प्रतिशत नुकसान हुआ है, जहां कपास और दालें उगाई जाती हैं. सरकार को जिम्मेदारी दिखानी चाहिए और किसानों के कर्ज माफ करने चाहिए. निखिल ने जोर देकर कहा कि किसानों ने भारी कर्ज लिया है और उनके कंधों पर बोझ है. सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. दौरे के बाद हम नुकसान का स्पष्ट चित्र पेश करेंगे.

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