Cotton Production: भारत का कपास उत्पादन 2% घटा, जीरो इंपोर्ट ड्यूटी से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचेगा आयात

Cotton Production: भारत का कपास उत्पादन 2% घटा, जीरो इंपोर्ट ड्यूटी से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचेगा आयात

कम रकबे, भारी बारिश और चक्रवात मोंथा के असर से कपास उत्पादन घटकर 305 लाख गांठ तक रहने का अनुमान. जीरो इंपोर्ट ड्यूटी के चलते आयात 45 लाख गांठ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 12, 2025,
  • Updated Nov 12, 2025, 11:31 AM IST

कपास के मोर्चे पर इस बार बुरी खबर है. भारतीय कपास संघ (CAI) की मानें तो कम रकबे, बहुत अधिक बारिश और चक्रवात मोंथा ने 2025-26 के लिए भारत के कपास उत्पादन को नुकसान में डाला है. सीएआई के मुताबिक, पिछले साल के 312 लाख गांठों की तुलना में यह उत्पादन दो प्रतिशत घटकर 305 लाख गांठ (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम) पर जा सकता है. यह भी बताया गया है कि इस बार कपास का आयात रिकॉर्ड स्तर पर जा सकता है क्योंकि उपज प्रभावित हुई है.

जैसा कि अभी हाल में सरकार ने फैसला लिया, कपास का आयात इस साल के अंत तक जीरो इंपोर्ट ड्यूटी पर होता रहेगा. इस वजह से देश में और भी अधिक कपास का आयात देखा जा सकता है. जानकारी के मुताबिक, इस बार कपास का आयात रिकॉर्ड 45 लाख गांठों का हो सकता है क्योंकि मिलों ने जीरो इंपोर्ट ड्यूटी का लाभ उठाते हुए 2025-26 सीजन के लिए बड़ी मात्रा में कांट्रैक्ट किए हैं.

इस खरीफ सीजन रकबा भी घटा

सीएआई के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि अलग-अलग राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर सीएआई ने अक्टूबर से शुरू होने वाले सीजन के लिए कपास की उपज में 2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. इस खरीफ में रकबा लगभग 2.6 प्रतिशत घटकर 110 लाख हेक्टेयर रह गया.

गणत्रा ने कहा, "कम रकबे के बावजूद, हमें इस साल लगभग 330-340 लाख गांठ की ज्यादा पैदावार की उम्मीद थी. लेकिन पिछले महीने हुई ज़्यादा बारिश और चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण, फसल को कुछ नुकसान हुआ है और कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है."

उत्तर भारत में, इस साल फसल लगभग 2 लाख गांठ बढ़कर लगभग 30.5 लाख गांठ हो गई है. जबकि गुजरात और महाराष्ट्र में यह कुछ हद तक कम हुई है और मध्य प्रदेश में यह पिछले साल के बराबर ही है. कर्नाटक में फसल लगभग 1 लाख गांठ और आंध्र प्रदेश में 4 लाख गांठ बेहतर दिख रही है, क्योंकि इस साल बुवाई ज्यादा हुई थी. दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य तेलंगाना है जहां फसल में गिरावट देखी गई है, जहां उत्पादन पिछले साल के 48.75 लाख गांठ से घटकर 43 लाख गांठ रह गया है, ऐसा गणत्रा ने बताया.

आयात में बंपर वृद्धि का अनुमान

हालांकि, फसल के नुकसान के बावजूद, आयात में होने वाली तेजी के कारण कुल आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है. इस साल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आयात लगभग 30 लाख गांठ होगा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 10 लाख गांठ था. इस साल के अंत तक कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं होने के कारण आयात में तीन गुना वृद्धि हुई है. पिछले साल 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी के साथ पूरे साल का आयात 41 लाख गांठ था. इस साल, हमारा अनुमान है कि आयात 45 लाख गांठ से अधिक होगा." गणत्रा ने कहा.

कपास सीजन 2025-26 (30 सितंबर 2026 तक) के अंत तक कुल कपास आपूर्ति 410.59 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 392.59 लाख गांठ थी. कुल आपूर्ति में 60.69 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक, 305.00 लाख गांठ का दबाव अनुमान और 45 लाख गांठ का आयात शामिल है. घरेलू खपत 300 लाख गांठ और निर्यात 17 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 18 लाख गांठ से लगभग 1 लाख गांठ कम है.

देश भर के बाजारों में बढ़ी आवक

इस बीच, देश भर के बाजारों में आवक बढ़ गई है. गणत्रा ने कहा, "आज (मंगलवार) आवक लगभग 1.3 लाख गांठ थी और एक हफ्ते में, हमें उम्मीद है कि आवक 1.5 लाख गांठ को पार कर जाएगी." उन्होंने आगे कहा कि कच्चे कपास की कीमतें 6,000-7,500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, जो 8,100 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है.

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