भारतीयों के लिए आंवला किसी सुपरफूड से कम नहीं है. खासकर, सर्दियों में आंवला खाना यानी खुद को कई बीमारियों से दूर रखना. अपने पोषक तत्वों और फायदों के कारण आंवला को आयुर्वेद में खास जगह मिली है. चाहे आपको पाचन संबंधी परेशानी हो या इम्यूनिटी को बढ़ावा देने की जरूरत, आंवला खाना बहुत फायदेमंद साबित हुआ है.
इसके अपार फायदों को देखते हुए, हर किसी को अपने घर में आंवला का पेड़ लगाना चाहिए. सबसे अच्छी बात यह है कि आप आंवले को छोटे बगीचे में या बड़े गमले में भी लगा सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि घर में आंवला कैसे लगाएं.
मिट्टी करें तैयार- आंवले के बीज बोने या कटिंग लगान से पहले, इसके स्वस्थ विकास के लिए मिट्टी तैयार करना सबसे महत्वपूर्ण काम है. सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली और दोमट हो. इसके बाद, मिट्टी के पीएच की जांच करें और उचित विकास के लिए इसका पीएच 6.5 से 8.0 के बीच रखे. अंत में, इसे पोषक तत्वों से भरपूर बनाने के लिए इसमें खाद मिलाएं.
सही जगह का चुनाव- एक बार जब आप आंवले के लिए अच्छी मिट्टी तैयार कर लेते हैं, तो आप पौधे के लिए एक जगह चुन सकते हैं. आंवला सूरज की रोशनी पसंद करता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप इसके गमले को ऐसी जगह रखें जहां इसे लगभग छह घंटे की धूप मिले. पौधे को ताजी हवा मिलती रहे इसके लिए आप इसे खुली जगह पर रखें तो भी बेहतर है.
नियमित रूप से पानी दें- आंवले के पेड़ कम पानी में हो जाते हैं. लेकिन उनके शुरुआती विकास के लिए, आपको पौधे को लगातार पानी देने की जरूरत होती है. मिट्टी को नम रखने के लिए हर सप्ताह एक बार अच्छे से पानी देना आंवले के लिए अच्छा रहेगा. साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गमले में जलभराव न हो, जिससे पेड़ की जड़ों को नुकसान हो सकता है. विशेष रूप से सर्दियों में, आप मिट्टी की नमी की जांच करने के बाद 10-12 दिनों में पेड़ को पानी दे सकते हैं.
सही खाद देना- आंवले के लिए आपको कम्पोस्ट या खाद जैसे जैविक उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए जो पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकें. आप बीच-बीच में अच्छी तरह से संतुलित एनपीके (नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटेशियम) उर्वरक का इस्तेमाल भी करते रहें.
कैसे करें देख-रेख- जब आंवला लंबा होने लगता है, तो छंटाई और प्राकृतिक कीटनाशक डालना जरूरी हो जाता है. छंटाई पेड़ से मृत पत्तियों या रोगग्रस्त शाखाओं को हटा देती है, जिससे आंवले के स्वस्थ विकास को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही, कीट नियंत्रण के लिए, आप पेड़ों या फलों को खाने वाले कीड़ों से बचने के लिए नीम का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.
आंवला के कई पाक और हर्बल औषधि उपयोग हैं. यह फल विटामिन सी से भरपूर होता है और अक्सर माना जाता है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. साथ ही यह दिल की सेहत के लिए अच्छा है. इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो इसे एक सुपरफूड बनाते हैं.
1. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना: आंवला विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. यह शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है और सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से बचाव करता है. नियमित रूप से आंवला का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है.
2. पाचन तंत्र में सुधार: आंवला में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है. यह कब्ज, एसिडिटी और अन्य पाचन समस्याओं से राहत दिलाता है। आंवला का सेवन करने से पाचन क्रिया सुचारू रहती है और पेट की समस्याओं से बचाव होता है.
3. त्वचा के लिए लाभकारी: आंवला में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाते हैं. यह त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और झुर्रियों को कम करता है. आंवला का पेस्ट चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ और चमकदार होती है.
4. बालों के लिए फायदेमंद: आंवला बालों को काला, घना और चमकदार बनाता है. इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व बालों की जड़ों को मजबूत करते हैं और बालों के गिरने की समस्या को कम करते हैं. आंवला का तेल बालों में लगाने से बाल स्वस्थ और मजबूत रहते हैं.
5. डायबिटीज में लाभकारी: आंवला में क्रोमियम होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी होता है. आंवला का रस शहद के साथ लेने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है.
आंवला को अपनी डाइट में शामिल करने के कई तरीके हैं: