हरियाणा के करनाल में रविवार को हुई बारिश और आंधी से फसलों को नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि कटाई के लिए तैयार खेतों में खड़ी फसलें गिर गई हैं. इससे किसानों को उपज प्रभावित होने का भय सता रहा है. हालांकि, किसान पहले ही धीमी गति से हो रही धान खरीदी से परेशान थे. अब उन्हें बारिश से अनाज का रंग खराब होने का भी खतरा है. ऐसे में मंडियों में उपज की उचित कीमत नहीं मिलेगी. किसान हैप्पी ने कहा कि बारिश ने न केवल हमारी फसल को गिरा दिया है, बल्कि धान में नमी का स्तर भी बढ़ा दिया है, जो चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि हममें से कई लोग खरीद सुचारू होने का इंतजार कर रहे हैं और अब बारिश के कारण हमें अनाज मंडियों में जगह की कमी का सामना करना पड़ रहा है. किसान हैप्पी ने कहा कि अभी भी करीब 50 फीसदी धान की कटाई चल रही है, लेकिन बारिश ने हमारी फसल को नुकसान पहुंचाया है और इससे कटाई और बिक्री में देरी होगी, जिससे और नुकसान होगा. जिले भर के किसानों ने इसी तरह की चिंता व्यक्त की है. उन्होंने सरकार पर वादा किए गए राहत प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
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द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य किसान निर्मल सिंह ने कहा कि सरकार पूरे राज्य में धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने में विफल रही है. लेकिन बारिश ने हमारी फसल को नुकसान पहुंचाया है और अब हम असहाय हैं. इससे कटाई में देरी हुई है, क्योंकि हमें इंतजार करना होगा. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि इस समय बारिश की जरूरत नहीं थी और इससे फसल को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने अफसोस जताया कि इससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित हुई है जिससे आय और भी कम हो जाएगी.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने कहा कि फसलों के गिरने से उपज में कमी आ सकती है. जिन किसानों ने पोटाश (25 किलोग्राम प्रति एकड़) डाला है, वे फसल गिरने से बच गए हैं. उन्होंने प्रभावित किसानों को सुझाव दिया कि वे अंकुरित होने और सड़ने से बचने के लिए गिरती हुई फसल की निगरानी करते रहें, ताकि आगे और नुकसान से बचा जा सके.
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वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि हरियाणा और पंजाब में राइस मिलर्स की हड़ताल के बावजूद खाद्य और आपूर्ति विभाग, हरियाणा द्वारा धान खरीद के लिए किए गए पुख्ता इंतजाम रंग ला रहे हैं. हरियाणा ने पंजाब से 12 गुना अधिक धान की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर सरकारी खरीद कर किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया है. वहीं, इस बार ऑनलाइन गेट पास की सुविधा मिलने से किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी सुविधा हुई है. अब तक हरियाणा में जहां 1,18,763 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. वहीं, पंजाब में केवल 9,433 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है.