भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी रहने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग के मुताबिक आज पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. बीते 24 घंटों में भी देश के अलग-अलग इलाकों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है. वहीं, आगे कुछ दिन और ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है. इस लिहाज से आईएमडी के डिवीजन एग्रोमेट ने किसानों और पशुपालकों के लिहाज से एडवाइजरी जारी की हैं, जिससे वे अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं या इसे कम कर सकते हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश (21 सेंटीमीटर या उससे अधिक) रिकॉर्ड की गई है. उत्तराखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम, पश्चिम मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और तमिलनाडु में भी बहुत भारी बारिश (12–20 सेंटीमीटर) दर्ज हुई. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में कई स्थानों पर भारी बारिश (7-11 सेंटीमीटर) रिकॉर्ड की गई.
खेती पर असर और किसानों के लिए सलाह
भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालातों का सीधा असर खेतों पर दिख रहा है. कई जगहों पर धान, दलहन और सब्जियों की फसलें जलभराव से प्रभावित हो रही हैं. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों और मौसम विभाग ने किसानों को फसल बचाने के लिए विशेष सलाह दी है.
महाराष्ट्र के किसानों के लिए सलाह
- कोंकण क्षेत्र में धान, सब्जी और बागानों से पानी की निकासी करें.
- मध्य महाराष्ट्र में धान, गन्ना, अरहर, सोयाबीन, मक्का और बागानों से अतिरिक्त पानी हटाएं.
- मराठवाड़ा में गन्ना, ज्वार, सोयाबीन, हल्दी और बागानों से पानी निकालें.
- विदर्भ क्षेत्र में कपास, अरहर, सोयाबीन, मक्का और सब्जियों में जलभराव न होने दें.
बंगाल के किसानों के लिए सलाह
- तराई क्षेत्र में धान और सब्जियों से पानी की निकासी करें.
- पहाड़ी क्षेत्रों में दलहन, कोदो, सब्जियां और बागानों में पानी रुकने न दें.
बिहार के किसानों के लिए सलाह
- उत्तर-पश्चिम ऑलुवियल प्लेन जोन में धान और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त वर्षा जल बाहर निकालें.
अरुणाचल प्रदेश के किसानों के लिए सलाह
- धान, सोयाबीन, कोदो और बागानों में पानी न ठहरने दें.
- पहले से कटाई की गई फसलें जैसे ऊपरी इलाकों की धान, मक्का, मिर्च और केले को सुरक्षित स्थान पर रखें.
असम के किसानों के लिए सलाह
- विभिन्न कृषि ज़ोन में धान, गन्ना, तिल, उड़द और सब्जियों में जलभराव से बचने के लिए नालियां साफ रखें.
- भारी बारिश से बचाने के लिए सब्जी नर्सरी को पतली पॉलीथीन से ढकें.
- पकी हुई फसलों और फलों को सुरक्षित जगहों पर रखें.
मेघालय के किसानों के लिए सलाह
- धान, सब्जी नर्सरी और अदरक में पानी जमा न होने दें.
- केले, पपीता, कद्दू जैसी फसलों को गिरने से बचाने के लिए सहारा दें.
उत्तराखंड के किसानों के लिए सलाह
- तराई और भाबर क्षेत्रों में धान, अरहर, सोयाबीन, मक्का, आलू, मूली और दलहनों से पानी निकालें.
- पहाड़ी इलाकों में अरहर और सब्जियों की फसलों को जलभराव से बचाएं और कटाई की गई फसलें सुरक्षित स्थानों पर रखें.
तेलंगाना के किसानों के लिए सलाह
- धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, हल्दी और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त वर्षा जल बाहर निकालें.
पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए सुझाव
- भारी बारिश के दौरान पशुओं को शेड के अंदर रखें और संतुलित आहार दें.
- चारा और खाद्य सामग्री सुरक्षित जगह पर स्टोर करें, ताकि खराब न हो.
- तालाबों में जाल लगाकर अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें, ताकि मछलियां बाहर न निकल सकें.
- आंधी-तूफान और तेज हवाओं के लिए अलर्ट
- बागवानी फसलों को सहारा दें.
- सब्जियों और फलदार पौधों को खंभों से बांधकर मजबूत करें, ताकि तेज हवाओं से नुकसान न हो.
बारिश का असर अगले कई घंटे या दिनों तक जारी रह सकता है, ऐसे में किसान अगर समय रहते खेतों से अतिरिक्त पानी हटा लेते हैं और सावधानी बरततें हैं तो फसलों को होने वाले बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है.