Paddy Crop: धान की फसल बर्बाद, किसान बेहाल, लगा रहे राहत की गुहार

Paddy Crop: धान की फसल बर्बाद, किसान बेहाल, लगा रहे राहत की गुहार

हरियाणा के सिरसा और अन्य जिलों में बाढ़ और भारी बारिश से धान की फसल बर्बाद हो गई है. किसान खराब उपज, गिरते दाम और बीमा कंपनियों की अनदेखी से परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बर्बाद हुई धान की फसल (सांकेतिक फोटो)बर्बाद हुई धान की फसल (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 22, 2025,
  • Updated Sep 22, 2025, 9:58 AM IST

हाल ही में हरियाणा के कई जिलों, खासकर सिरसा, में आई बाढ़ और अत्यधिक बारिश ने धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसान इस समय खराब उपज, गिरते दाम और बीमा कंपनियों की उदासीनता से जूझ रहे हैं.

धान की गुणवत्ता और उत्पादन पर बुरा असर

कुमारी शैलजा ने बताया कि इस साल की धान की फसल की गुणवत्ता बहुत खराब हुई है. धान के दाने छोटे हो गए हैं, कई काले पड़ गए हैं और कुल मिलाकर उत्पादन में भारी गिरावट आई है.
जहाँ पहले प्रति एकड़ 30 क्विंटल तक फसल होती थी, अब यह घटकर 20-25 क्विंटल तक रह गई है. कुछ इलाकों में तो उत्पादन 15 क्विंटल तक सिमट गया है.

लागत भी नहीं निकल पा रही, कीमतें भी गिरीं

धान की किस्म पुसा बासमती 1509 जैसी वैरायटी के दाम बाजार में लगातार गिरते जा रहे हैं. ऐसे में किसानों को डर है कि उन्हें अपनी लागत भी नहीं निकल पाएगी. लागत और फसल की गिरती गुणवत्ता ने किसानों की आर्थिक स्थिति को और खराब कर दिया है.

हरियाणा के ये जिले ज्यादा प्रभावित

धान की खेती हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला, यमुनानगर, पानीपत, सिरसा और सोनीपत जिलों में होती है. इनमें करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और जींद को 'हरियाणा का राइस बाउल' कहा जाता है.
करनाल खास तौर पर अपनी बासमती धान के लिए मशहूर है, लेकिन इस बार वहां की फसल भी पानी में डूब गई है.

लंबे समय तक जलभराव से हालात बिगड़े

कई इलाकों में खेतों में लंबे समय तक पानी भरा रहा, जिससे फसल सड़ गई और नुकसान और बढ़ गया. इस स्थिति में बीमा कंपनियों की चुप्पी ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है.

सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग

कुमारी शैलजा ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह तुरंत किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करे. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मदद नहीं मिली, तो किसान कर्ज में डूब सकते हैं और उनकी स्थिति और खराब हो सकती है.

सिरसा और अन्य जिलों के धान किसान इस समय एक बड़ी आपदा का सामना कर रहे हैं. बाढ़ और बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. ऐसे में सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे तुरंत राहत कार्य शुरू करें और किसानों को आर्थिक मदद दें, ताकि वे इस संकट से बाहर निकल सकें.

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