इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (इक्रिसैट) और असम सरकार ने आपस में हाथ मिलाया है. असम सरकार ने असम बाजरा मिशन के माध्यम से प्रदेश में बाजरे का उत्पादन बढ़ाने के लिए इक्रिसैट से हाथ मिलाया है. राज्य सरकार का मानना है कि बाजरे की खेती से भूजल का दोहन बहुत कम होगा. साथ ही लोगों को पौष्टिक और स्वादिष्ट आहार भी खाने को मिलेगा. खास बात है कि इस सहयोग से बाजरा की तीन देसी किस्म फिंगर बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा और एंडप्रोसो बाजरा के रकबे को प्रदेश में बढ़ाया जाएगा. अभी असम में केवल 15 जिलों में ही बाजरे की खेती होती है, जिसका रकबा करीब 6,000 हेक्टेयर है. इन 15 जिलों का राज्य के बाजरा उत्पादन में 97 प्रतिशत योगदान है.
इक्रिसैट के महानिदेशक जैकलीन ह्यूजेस ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़ा बाजरा उत्पादक देश है. इसके अथक प्रयास से ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है. उनकी माने तो भारत बाजरा के पुनरुत्थान में सबसे आगे है. उन्होंने कहा कि इक्रिसैट असम के दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षी बाजरा खपत टारगेट का पूरक होगा. उनकी माने तो आने वाले महीनों में यहां के किसान और बेहतर व आधुनिक विधि से बाजरे की खेती करेंगे. साथ ही जैकलीन ह्यूजेस ने कहा कि असम सें बाजरा और बाजरा-आधारित उत्पादों के मार्केटिंग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक योजना विकसित और कार्यान्वित करना होगा.
इक्रिसैट बाजरा बीज और संबंधित उत्पादन प्रणालियों को बढ़ाने के लिए असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू), निजी बीज कंपनियों और 7,000 से अधिक छोटे किसानों के साथ भी मिलकर काम करेगा. असम बाजरा मिशन (एएमएम) विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित असम कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन परियोजना (एपीएआरटी) का हिस्सा है. असम रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एग्रीकल्चरल सर्विसेज सोसाइटी इस परियोजना की देखरेख कर रही है. जबकि इक्रिसैट लगभग 18 महीनों के लिए APART के तहत AMM को समर्थन देने के लिए तकनीकी परामर्श सेवाएं प्रदान कर रहा है.
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बाजरा एक तरह का मोटा अनाज है. इसकी खेती सूखाग्रस्त और बंजर जमीन पर भी की जा सकती है. यह ऐसी फसल है, जो विपरित परिस्थितियों में भी बंपर उत्पादन देती है. लेकिन भारत में बाजरे की खेती अनाज के साथ- साथ हरे चारे के लिए भी की जाती है. कई राज्यों में लोग पशुओं के चारे के रूप में बाजरे के सभी भागों का इस्तेमाल करते हैं. खास बात यह है कि बाजरा की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में की जाती है. बाजरे में प्रोट्रीन विटामिन और मिनरल प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी रोटी गेहूं की रोटी से भी ज्यादा गुणकारी और फायदेमंद होती है.
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