
महाराष्ट्र में इन दिनों फसल बीमा को लेकर हंगामा जारी है. किसी किसान को 1 रुपये तो किसी को 2 रुपये मिले हैं. अब कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर थे. यहां पर उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह किसानों से सीधे संपर्क करेंगे. उन्होंने कहा कि इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके दावे का एक-एक रुपया उन तक पहुंचे. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को मिलने वाले मुआवजे का एक-एक रुपया प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दिया जाएगा.
कृषि मंत्री ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले और आसपास के ग्रामीण इलाकों के एक दिवसीय दौरे पर थे. महाराष्ट्र के बीड जिले के सिरसाला स्थित ग्लोबल विकास ट्रस्ट (जीवीटी) कृषिकुल में 20,000 किसानों को उन्होंने संबोधित किया. शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ' फसल बीमा योजना में, मैं पूरी ताकत से देखूंगा कि किसानों को उनके नुकसान की पाई-पाई मिले. मैंने दिल्ली में समीक्षा की, किसानों से सीधा संवाद किया, अब कोई गड़बड़ी नहीं होगी. क्रॉप कटिंग एक्सप्रिमेंट का काम राज्य सरकार करेगी और उसी आधार पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हर किसान को उसका पूरा हक दिलाया जाएगा.' मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार किसानों को फसल नुकसान के लिए तुरंत मुआवजा देगी और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के माध्यम से अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा, 'यदि राज्य सरकार नुकसान का आकलन करने के बाद केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग करती है, तो भारत सरकार उस अनुरोध को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.' इस सप्ताह की शुरुआत में भी कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बेहद कम दावों के निपटान से संबंधित शिकायतों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. कुछ मामलों यह 1 रुपये, 3 रुपये, 5 रुपये और 21 रुपये तक थे.
उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों का 'मजाक' नहीं होने देगी. चौहान ने इस मामले की विस्तृत जांच भी शुरू की. उन्होंने कहा था, '1 रुपये, 3 रुपये, 5 रुपये या 21 रुपये का दावा हासिल करना किसानों का मजाक है और सरकार इसे जारी नहीं रहने देगी.' मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'चौहान ने इसकी गहन जांच के आदेश दिए, बीमा कंपनियों और अधिकारियों को किसानों के पक्ष में सख्त निर्देश दिए और इस बात पर जोर दिया कि दावों का भुगतान शीघ्र और एक साथ किया जाना चाहिए. नुकसान का आकलन एक सटीक प्रणाली के माध्यम से किया जाना चाहिए और उन्होंने अधिकारियों को योजना के प्रावधानों में विसंगतियों को दूर करने के लिए आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए.'
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