Maharashtra News : जलगांव में सूखे का संकट, खरीफ फसलों का बुरा हाल...किसान परेशान

Maharashtra News : जलगांव में सूखे का संकट, खरीफ फसलों का बुरा हाल...किसान परेशान

राज्य सरकार सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसल नुकसान का कराएगी सर्वे. जहां 50 फ़ीसदी से अधिक फसलों का हो चुका है नुकसान उन्हें घोषित किया जाएगा सूखाग्रस्त. प्रभावित किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद. जलगांव जिले का रावेर, खानापुर और निंभोरा में सुख रहीं हैं फसलें. मॉनसून की बेरुखी से किसान और सरकार दोनों परेशान. 

सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसलों के नुकसान का सरकार कराएगी सर्वे ( photo kisan tak) सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसलों के नुकसान का सरकार कराएगी सर्वे ( photo kisan tak)
सर‍िता शर्मा
  • Jalgaon,
  • Sep 04, 2023,
  • Updated Sep 04, 2023, 12:33 PM IST

महाराष्ट्र के किसान बारिश न होने की वजह से परेशान हैं. जलगांव के कई क्षेत्रों में बारिश न होने के कारण खरीफ फसलों की स्थिति गंभीर हो गई है. ख़रीफ़ की फसलें उगने लगी हैं. लेकिन, 20 दिन से बारिश नहीं होने की वजह से  हालात खराब हैं. फसलें खराब होने लगी हैं. ऐसे में अब किसानों को राहत दिलाने के लिए खरीफ फसलों का सर्वे कराया जाएगा, ताकि नुकसान का पता चल सके. सिंचाई के बावजूद स्थिति संभल नहीं रही है. यहां की मुख्य

फसल कपास की वृद्धि रुक गई है. जिससे उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है. कृषि विभाग को आज उन राजस्व क्षेत्रों में खरीफ फसलों का सर्वेक्षण करने का लिखित आदेश मिला, जहां 21 दिनों से अधिक समय से बारिश नहीं हुई है. जलगांव के रावेर और निंभोरा तालुका में 24 दिनों से जबकि खानापुर में 27 जुलाई से 19 अगस्त के बीच लगातार 21 दिनों से अधिक बारिश नहीं हुई. इन तीन मंडलों में खरीफ फसलों की स्थिति का सर्वेक्षण किया जाएगा. 

सर्वे में क्या देखा जाएगा?

यह सर्वे सूखे की वजह से पैदा हुए हालात को देखते हुए किया जा रहा है. इसमें पिछले कुछ वर्षों के कृषि उत्पादन और वर्तमान ख़रीफ़ फसलों के अनुमानित उत्पादन को देखा जाएगा. जिसके बाद 50 प्रतिशत से कम उत्पादन वाले क्षेत्र सूखाग्रस्त घोषित कर दिए जाएंगे. सरकार ऐसे क्षेत्रों के किसानों को आर्थिक राहत दे सकती है.

सूखे से कितना क्षेत्र है प्रभावित?

यहां 40 हजार 108 हेक्टेयर सिंचित  क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जिसमें बागवानी फसलें उगाई जाती हैं. जबकि 10 हजार 572 हेक्टेयर क्षेत्र शुष्क भूमि क्षेत्र के अंतर्गत है. ऐसे में बारिश की कमी के कारण शुष्क भूमि में होने वाली खेती की स्थिति खराब हो गई है.  कपास और केले जैसी फसलों की वृद्धि बारिश की कमी के कारण रुक गई है. कई जगहों पर कपास के फूल और पत्तियां गिरने लगे हैं. इससे उत्पादन में बड़े पैमाने पर कमी आने का अनुमान है. 

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कितने गांव हैं प्रभावित?

रावेर तालुका के 19 गांव, खानापुर के 23 और निंभोरा के 8 गांव सूखे से ज्यादा प्रभावित हैं. इन राजस्व मंडल के प्रत्येक दस गांवों में खरीफ फसलों का सर्वेक्षण किया जाएगा. इनमें किसान केले और कपास की सिंचाई कर रहे हैं. लेकिन बारिश की कमी के कारण इन फसलों का विकास रुक गया है. किसानों की उम्मीद है कि प्रशासन कम बारिश वाले क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित करके उन्हें आर्थिक मदद देगा.

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