मध्य प्रदेश के इस जिले में CMV का गंभीर प्रकोप, केले की फसल खुद नष्ट करने में लगे किसान 

मध्य प्रदेश के इस जिले में CMV का गंभीर प्रकोप, केले की फसल खुद नष्ट करने में लगे किसान 

पिछले कई सालों से यह वायरस किसानों को बार-बार परेशान करता आ रहा है. यह हर साल केले की फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इस साल इस वायरस की वजह से नसीराबाद और निंबोला सहित कई क्षेत्रों में फसलों को पहले ही नुकसान पहुंचा है. किसान नुकसान से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दूसरी ओर केले की फसलों का बीमा न होने की वजह से उनकी परेशानियां दोगुनी हो गई हैं. 

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 03, 2024,
  • Updated Sep 03, 2024, 5:01 PM IST

मध्‍य प्रदेश के किसान इस समय एक अजीबो-गरीब समस्‍या से गुजर रहे हैं. यहां के बुरहानपुर जिले में किसानों को अपनी केले की फसल को उखाड़ना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि केले की फसल में मोजेक वायरस यानी कुकुम्‍बर मोजैक वायरस (CMV) भी कहते हैं, ने केले की फसल को चौपट करना शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों के पास अपनी फसल को उखाड़ कर फेंकने के अलावा कोई और ऑप्‍शन नहीं बचा है. इस खबर ने पूरे राज्‍य में किसानों को हैरानी में डाल दिया है और वो भी अलर्ट पर हैं. 

कर्ज लेकर खेती ने बढ़ाई चिंता 

बुरहानपुर के लालबाग के किसान नासिर खान ने निंबोला के किसानों की तरह ही अपने खेत से 70 फीसदी केले के पौधे उखाड़ दिए हैं. निंबोला के किसानों ने इस वायरस की वजह से अपनी फसलें उखाड़नी पड़ी थीं. खान ने तीन एकड़ जमीन पर 5400 पौधे लगाए थे और फसल को सुरक्षित रखने के लिए मल्चिंग टेक्निक पर भी 70,000 रुपये खर्च किए थे. हालांकि, उनके प्रयासों के बावजूद, वायरस ने फसल को 3 से 4 लाख रुपये तक का नुकसान पहुंचाया है. खान ने फसल लगाने के लिए बैंक से कर्ज लिया था. उन्हें अब यह चिंता सता रही है कि इसे कैसे चुकाया जाए. 

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कई सालों से बरकरार है समस्‍या 

पिछले कई सालों से यह वायरस इस जिले के किसानों को बार-बार परेशान करता आ रहा है. यह हर साल केले की फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इस साल इस वायरस की वजह से नसीराबाद और निंबोला सहित कई क्षेत्रों में फसलों को पहले ही नुकसान पहुंचा है. किसान नुकसान से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दूसरी ओर केले की फसलों पर बीमा न होने की वजह से उनकी परेशानियां दोगुनी हो गई हैं. 

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वैज्ञानिकों ने दी सलाह 

यहां के हॉर्टीकल्‍चर डिपार्टमेंट और कई सीनियर साइंटिस्‍ट्स की तरफ से खेतों का निरीक्षण किया गया है. उन्‍होंने किसानों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी है. उन्होंने खेत के आस-पास और अंदर के क्षेत्र को साफ रखने, जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करने और उन उर्वरकों के प्रयोग करने की सिफारिश दी है जिसकी सलाह उन्‍हें पहले दी जा चुकी है. हालांकि, कई किसानों के लिए अपनी फसलों को बचाने के लिए बहुत देर हो चुकी है. 

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विधायक अर्चना चिटनीस ने किसानों को भरोसा दिया है कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलेंगी. साथ ही उन्‍हें फसल के नुकसान के बदले में मुआवजा दिलाने की कोशिशें करेंगी. इस बीच, किसानों को इस वायरस के कारण अपनी आजीविका पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभावों का भी सामना करना पड़ रहा है. 

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