Cotton Crop: पंजाब में कपास की खेती में 20 फीसदी का इजाफा, एक्‍सपर्ट्स को सता रही एक चिंता

Cotton Crop: पंजाब में कपास की खेती में 20 फीसदी का इजाफा, एक्‍सपर्ट्स को सता रही एक चिंता

Cotton Crop: फसल विविधीकरण की कोशिशें के तहत कपास की खेती में करीब 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. पंजाब कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कपास की खेती के तहत कुल क्षेत्रफल पिछले साल के 2.49 लाख एकड़ से बढ़कर इस साल 2025 में 2.98 लाख एकड़ हो गया है. यह एक साल के अंदर 49,000 एकड़ से ज्‍यादा की वृद्धि को बताता है.

Cotton Crop PunjabCotton Crop Punjab
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jun 16, 2025,
  • Updated Jun 16, 2025, 1:54 PM IST

पंजाब में कपास की खेती से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है. पंजाब ने 2025-26 सीजन के लिए अपने कपास बुवाई लक्ष्य का 78 फीसदी हासिल कर लिया है् इसमें से कुल 1.06 लाख हेक्टेयर भूमि पर नकदी फसल की बुवाई की गई है. राज्‍य में फसल विविधीकरण की कोशिशें के तहत कपास की खेती में करीब 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. इस खबर को आप  इसलिए भी गुड न्‍यूज कह सकते हैं क्‍योंकि इस साल की शुरुआत में इस बात का अंदेशा जताया गया था कि राज्‍य में गुलाबी सुंडी और दूसरी वजहों से किसान कपास की खेती से पीछे हटने लगे हैं.  

कृषि विभाग ने जारी किए आंकड़े 

पंजाब कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कपास की खेती के तहत कुल क्षेत्रफल पिछले साल के 2.49 लाख एकड़ से बढ़कर इस साल 2025 में 2.98 लाख एकड़ हो गया है. यह एक साल के अंदर 49,000 एकड़ से ज्‍यादा की वृद्धि को बताता है. राज्य में कपास की खेती फाजिल्का, मानसा, बठिंडा और श्री मुक्तसर साहिब में होती है और ये चार जिले कपास की खेती में सबसे आगे हैं. वहीं पंजाब सरकार की तरफ से कपास के बीज पर 33 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला किया गया है. 49,000 से ज्‍यादा किसान पहले ही ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन करा चुके हैं. ऐसे में मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी कपास किसानों को 15 जून तक ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन पूरा करने के लिए सुनिश्चित करें. 

फिर भी विशेषज्ञ क्‍यों हैं परेशान 

भले ही कपास के रकबे में इजाफा हुआ है लेकिन कृषि विशेषज्ञ राज्य के फसल पैटर्न में विविधीकरण की धीमी गति पर चिंता जता रहे हैं. इस सीजन के लिए राज्य का कपास बुवाई का लक्ष्य 1.29 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया था. प्रगति के बावजूद, विशेषज्ञों का तर्क है कि रकबे में मामूली वृद्धि कृषि विविधीकरण के दबाव वाले मुद्दे को हल करने के लिए काफी नहीं है. इस मौसम में कपास के रकबे में सीमित विस्तार पंजाब के कृषि भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती है. 

पानी से कपास का कनेक्‍शन!  

पंजाब लंबे समय से अपने अर्ध-शुष्क जिलों जैसे फाजिल्का, बठिंडा, मनसा और मुक्तसर में बड़े स्‍तर पर कपास की खेती के लिए जाना जाता है. ये क्षेत्र मिलकर राज्य के कुल कपास उत्पादन में 98 फीसदी का योगदान करते हैं. हालांकि, कृषि विशेषज्ञों को डर है कि कपास की बुवाई में अपेक्षाकृत कम वृद्धि किसानों को चावल जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों पर ज्‍यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकती है, खासकर कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!