Paddy Procurement: केंद्र ने किया धान खरीद के नियमों में बड़ा बदलाव, फिर भी घाटे में पंजाब के किसान

Paddy Procurement: केंद्र ने किया धान खरीद के नियमों में बड़ा बदलाव, फिर भी घाटे में पंजाब के किसान

केंद्र सरकार की तरफ से 10 फीसदी तक खराब हो चुके धान को खरीद की मंजूरी दे दी गई है. अगस्त-सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को हुए भारी नुकसान के बाद पंजाब सरकार ने बार-बार केंद्र से गुणवत्ता मानकों में छूट देने की मांग की थी. केंद्रीय टीम ने 13 से 17 अक्टूबर के बीच पंजाब की मंडियों का दौरा कर नमूने एकत्र किए थे, लेकिन घोषणा मंगलवार को की गई.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 12, 2025,
  • Updated Nov 12, 2025, 11:58 AM IST

पंजाब सरकार की कई अपीलों के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने धान खरीद से जुड़ी एसओपी में बदलाव किया है और एक बड़ी राहत का ऐलान कर दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से 10 फीसदी तक खराब हो चुके धान को खरीद की मंजूरी दे दी गई है. हालांकि, यह फैसला उस समय आया है जब राज्य में धान की खरीद प्रक्रिया करीब-करीब खत्‍म होने की तरफ बढ़ रही है. अब तक 150 लाख मीट्रिक टन (LMT) से अधिक धान की खरीद हो चुकी है और मंडियों में केवल 5 से 10 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद है. ऐसे में अधिकारियों और इससे जुड़े ट्रेडर्स और किसानों की मानें तो सरकार की तरफ से छूट बहुत कम और बहुत देर से आई हैं. 

राज्‍य सरकार ने की थी मांग 

अगस्त-सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को हुए भारी नुकसान के बाद पंजाब सरकार ने बार-बार केंद्र से गुणवत्ता मानकों में छूट देने की मांग की थी. केंद्रीय टीम ने 13 से 17 अक्टूबर के बीच पंजाब की मंडियों का दौरा कर नमूने एकत्र किए थे, लेकिन घोषणा मंगलवार को की गई. सरकार की तरफ जो रियायतें दी गई हैं उनमें के तहत, खराब, बदरंग, अंकुरित और कीटग्रस्त दानों की अनुमेय सीमा 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी तक कर दी गई है. हालांकि, इनमें से खराब, अंकुरित या कीटग्रस्त दानों का हिस्सा 4 फीसदी से ज्‍यादा नहीं हो सकता. 

ये रियायतें पूरे पंजाब और चंडीगढ़ में लागू होंगी और खरीफ खरीद साल 2025-26 के लिए मान्य रहेंगी. साथ ही, इन पर किसी प्रकार की मूल्य कटौती नहीं की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय टीम द्वारा लिए गए नमूनों में 7 से से 22 फीसदी तक का नुकसान पाया गया था. सबसे अधिक नुकसान गुरदासपुर जिले में दर्ज हुआ. यह स्थिति मॉनूसन के बाद हुई बेमौसमी बारिश और बाढ़ के कारण पैदा हुई थी. 

किसान फैसले से क्‍यों खुश नहीं 

किसानों को इस फैसले से बहुत ज्‍यादा फायदा मिलने की संभावना नहीं है क्योंकि अधिकांश धान पहले ही 2,390 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बिना किसी कटौती के बिक चुका है. हालांकि, राज्य के राइस मिल मालिकों ने मिलिंग से जुड़ी शर्तों में कोई बदलाव न होने पर चिंता जताई है. पंजाब राइस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के रणजीत सिंह जोसान ने अखबार ट्रिब्‍यून से कहा, 'चावल का आउट-टर्न रेशियो (ओटीआर) अभी भी 67 फीसदी ही है. यानी हर 100 किलो धान से हमें 67 किलो चावल देना होगा, जबकि अब अधिकतर धान खराब या बदरंग है. हमने आउट-टर्न रेशियो में छूट की उम्मीद की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए हम इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाएंगे.' 

नुकसान की भरपाई केंद्र नहीं करेगा 

केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकार को बदले हुए मानकों के तहत खरीदे गए धान को अलग से भंडारित करना होगा और खरीद केंद्रों पर सुखाने की सुविधाएं विकसित करनी होंगी. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि धान में किसी भी प्रकार की कमी या नुकसान की भरपाई केंद्र नहीं करेगा, इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी. इसके अलावा, ढीले मानकों के तहत खरीदा गया स्टॉक तुरंत मिलिंग के लिए भेजा जाएगा. तैयार चावल को एक समान गुणवत्ता मानकों को पूरा करना होगा. 

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