भारत में स्वादिष्ट खाने की थाली तभी पूरी तरह से तैयार होती है, जब उसमें धनिया की पत्ती और चटनी हो. दरअसल मसाला वाली फसलों में धनिया की एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसकी खुशबू और स्वाद के कारण इसे सब्जी में मसालों के साथ प्रयोग में किया जाता है. यही नहीं ताजा धनिये की पत्तियां हर सब्जी में पकने बाद डाली जाती है, जो सब्जी के स्वाद को और बढ़ा देती है. धनिये की खेती कई तरीके से की जा सकती है. इसे खेत में तो उगाया ही जाता है. वहीं इसे घर के गमले में भी उगाया जा सकता है. आजकल कई घरों के बगीचे में लोग धनिया उगा लेते हैं. इस तरह देखा जाए तो इसका उत्पादन छोटे स्तर से लेकर बड़े पैमाने पर किया जा सकता है.
अगर आप भी धनिया की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म पंत हरितमा यानी PH किस्म का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से आप धनिया की बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन धनिया की उन्नत किस्म पंत हरितमा यानी PH किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनजीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान वेबसाइट के इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं.
देश और विदेशी बाजारों में भारत के धनिये की काफी मांग रहती है, इसलिए अच्छी क्वालिटी और उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग करके किसानों को इसकी खेती करनी चाहिए. ऐसी है उन्नत किस्म है पंत हरितमा यानी PH किस्म इसकी खासियत ये हैं कि इस किस्म की खेती में बेहतर पैदावार भी होता है. वहीं यह 120-125 में तैयार हो जाती है. वहीं अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट आपको मात्र 29 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.
धनिया की खेती तेज धूप, अधिक ऊंचाई और जल निकासी वाले शुष्क और ठंडे इलाकों में करनी चाहिए इससे अधिक उत्पादन मिलता हैं. इसकी बिवाई के लिए जून-जुलाई और सितंबर से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. वहीं इसकी खेती अच्छी जल निकासी वाली दोमट या मटियार मिट्टी में करनी चाहिए. इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत में 2-3 गहरी जुताई करके खेत को समतल करना चाहिए. वहीं आखिरी जुताई से पहले खेत में गोबर की खाद डालना बेहतर रहता है. खेत में धनिये के बीजों की बुवाई से पहले उन्हें रगड़कर दो हिस्सों में बांट लें फिर बीज की बुवाई करें. वहीं बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए.