बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति में स्थिरता के संकेत मिलने के साथ ही कश्मीर के फल उद्योग ने राहत की सांस ली है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां की फ्रूट इंडस्ट्री ने सावधानी के साथ बांग्लादेश को सेब निर्यात फिर से शुरू कर दिया है. कश्मीर की तरफ से खास तौर पर अमेरिकी किस्म के सेब बांग्लादेश को निर्यात किए जा रहे हैं. बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा और अशांति की वजह से कश्मीर के फल व्यापारी काफी परेशान थे और व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. इससे कश्मीरी फल उत्पादकों और डीलरों में भी चिंता बढ़ गई थी.
कश्मीर न्यूज ऑब्जर्वर (केएनओ) ने कश्मीर में फल उत्पादकों के संगठन के वरिष्ठ सदस्य शाहिद चौधरी के हवाले से बताया कि बांग्लादेश को सेब निर्यात फिर से शुरू होना न सिर्फ उनके लिए बल्कि उन तमाम उत्पादकों के लिए बहुत बड़ी राहत है, जो विदेशी बाजारों के लिए अच्छी फसल के लिए सारा साल मेहनत करते हैं. उनका कहना था कि बांग्लादेश में हुई अशांति ने सभी उत्पादकों और डीलर के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी थी. उन्हें नहीं मालूम था कि इस साल कोई भी ऑर्डर मिलेगा या नहीं. चौधरी ने कहा कि सेब निर्यात व्यापार की फिर से शुरुआत एक सकारात्मक कदम है. इस कदम से उत्पादकों और डीलर काफी खुश हैं.
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कश्मीर के फल उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने बताया कि हाल के दिनों में, अमेरिकी सेब किस्मों के शिपमेंट बांग्लादेशी बाजारों में पहुंचने लगे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात बाजार अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है लेकिन उत्पादकों के बीच उम्मीद बरकरार है. बशीर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बांग्लादेशी खरीदारों से ऑर्डर की मात्रा बढ़ेगी. गौरतलब है कि कश्मीर में फसल के मौसम के दौरान, बांग्लादेश के कई सेब व्यापारी अपने देश में कश्मीरी सेब की मांग को पूरा करने के लिए कश्मीर में डेरा डालते हैं.
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चौधरी का कहना था कि कश्मीर के सेबों की किस्मों, खासकर अमेरिकी सेबों के लिए बांग्लादेश एक बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है. उन्होंने बताया, 'हम 70 फीसदी से ज्यादा अमेरिकी सेब की किस्मों का निर्यात बांग्लादेशी बाजारों में करते हैं.' गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में वित्त मंत्रालय की तरफ से सेब, बादाम, छोले और अखरोट पर लगी एक्स्ट्रा ड्यूटी को हटा दिया गया था. इसके बाद से ही कश्मीर सेब उद्योग एक असाधारण संकट का सामना कर रही है. साथ ही भारतीय बाजारों में विदेशी सेबों की आमद के कारण कम मांग की समस्या भी खड़ी हो गई है. सेब जम्मू-कश्मीर की जीडीपी का बड़ा हिस्सा है. इसलिए फल के व्यापारी लंबे समय से सरकार से सेब पर निर्यात शुल्क कम करने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि वे विभिन्न देशों को फल निर्यात कर सकें.