Advanced Varieties of Chilli: देश में मिर्च एक महत्वपूर्ण मसाला एवं नगदी फसल है. इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में होती है. इसके अलावा अन्य सीजन में भी इसकी खेती होती है. खरीफ की फसल के लिए मई से जून माह में इसकी खेती होती है. वहीं रबी की फसल के लिए सितंबर से अक्टूबर माह में इसकी खेती होती है. ग्रीष्म मौसम के लिए जनवरी-फरवरी में इसकी खेती होती है. इसके अलावा भारत मिर्च का एक बहुत बड़ा निर्यातक देश भी है. आंकड़ों के अनुसार, चीन, पेरू, स्पेन और मैक्सिको के बाद भारत में सबसे ज्यादा मिर्च का उत्पादन होता है. वहीं देश के किसान अधिक उपज और लाभ पाने के मकसद से अपने क्षेत्र की जलवायु एवं मिट्टी के अनुसार मिर्च की उन्नत किस्मों (Advanced Varieties of Chilli) की खेती करते हैं. ऐसे में आइये आज हम आपको मिर्च की टॉप 5 उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं-
मिर्च की उन्नत किस्म ‘पंजाब लाल’
पंजाब लाल किस्म के पौधे बोने और गहरी हरी पत्तियों वाले होते हैं. वहीं इसके फलों का आकार मीडियम होता है. इस पर लाल रंग के मिर्च लगते हैं. जोकि 120 से 180 दिन में पक जाते हैं. वहीं प्रति हेक्टेयर 100 से 120 क्विंटल हरी मिर्च की उपज मिलती है.
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मिर्च की उन्नत किस्म ‘काशी अर्ली’
मिर्च की इस किस्म के पौधे 60 से 75 सेंटीमीटर लंबे तथा छोटी गांठों वाले होते हैं. बुवाई के 45 दिनों के अंदर प्रथम तुड़ाई हो जाती है. वही हरे फल का उत्पादन 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है.
मिर्च की उन्नत किस्म ‘पूसा ज्वाला’
मिर्च की इस किस्म का पौधा बोना होता है, इसके फल हल्के हरे रंग के होते हैं जो पकते समय लाल रंग के हो जाते है. मिर्च की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 75 से 80 क्विंटल हरी मिर्च मिल जाती है.
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मिर्च की उन्नत किस्म ‘एन पी 46 ए’
मिर्च की इस किस्म के फल लंबे पतले और बहुत तीखे होते हैं. यह लगभग 120 से 130 दिनों में पक जाती है. मिर्च की ‘एन पी 46 ए’ किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 70 से 90 क्विंटल हरी मिर्च मिल जाती है.
मिर्च की उन्नत किस्म ‘जाहवार मिर्च 148’
मिर्च की यह उन्नत किस्म जल्द पक जाती है, जोकि कम तीखी होती है. इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 85 से 100 क्विंटल हरी और लगभग 18 से 23 क्विंटल सूखी मिर्च प्राप्त हो जाती है.
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