उत्तर प्रदेश में धान खरीद के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. इसके लिए राज्य भर में 4,000 क्रय केंद्र बना गए हैं. इन क्रय केंद्रों के माध्यम से 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा और अलीगढ़ समेत मंडलों में खरीद प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू होगी और यह 31 जनवरी तक चलेगी. खास बात यह है कि सामान्य किस्म का धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म का धान 2320 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह पूर्वी यूपी के चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर और प्रयागराज मंडलों में धान की खरीद एक नवंबर से शुरू होकर 28 फरवरी तक चलेगी. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार की ओर से जारी विस्तृत आदेश के मुताबिक सामान्य किस्म का धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म का धान 2320 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा. राज्य सरकार किसानों से हाइब्रिड धान भी खरीदेगी. इसके मुताबिक जिला कृषि अधिकारी हाइब्रिड धान की किस्म के साथ ही हाइब्रिड धान की बुआई और उसकी उत्पादकता का पूरा ब्योरा धान खरीद पोर्टल पर उपलब्ध कराएंगे.
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खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को सबसे ज्यादा 31 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि पीसीएफ को 19 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदने का जिम्मा सौंपा गया है. दरअसल, ये दोनों एजेंसियां मिलकर अधिकतम संख्या में क्रय केंद्र (2,750) बनाएंगी. राज्य सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) को अनुमति देने की अपनी नीति को जारी रखने का भी फैसला किया है. हालांकि, जिन एफपीओ/एफपीसी पर आपराधिक आरोप हैं या जिन्हें पूर्व में ब्लैक लिस्ट/डिबार किया जा चुका है, उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
विभाग ने कहा कि किसानों से धान की खरीद 'पहले आओ, पहले पाओ' के सिद्धांत पर जिला स्तर पर की जाएगी. लेकिन अगर किसी जिला स्तर पर उसकी दैनिक खरीद क्षमता से ज्यादा किसान पहुंचते हैं तो किसानों की सुविधा के लिए ऑफलाइन टोकन सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही किसान अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी जिला स्तर पर अपना धान बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे. अगर किसी दूसरे जिले का केंद्र किसान के नजदीक है तो ऐसे किसान वहां धान बेच सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी क्रय केंद्रों को जियो-टैग और जियो-फेंस किया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि चावल मिलों तक धान ले जाने वाले वाहनों में भी जीपीएस प्रणाली की व्यवस्था करनी होगी.
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