कोटा, बूंदी एवं बारां जिलों में नहरों और माइनरों को बनाया जाएगा मजबूत, 367 करोड़ रुपये मंजूर

कोटा, बूंदी एवं बारां जिलों में नहरों और माइनरों को बनाया जाएगा मजबूत, 367 करोड़ रुपये मंजूर

राजस्थान के हाड़ौती जिले कोटा, बारां और बूंदी में नहर, वितरिकाओं और माइनर सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए कुल 17 काम प्रस्तावित हैं. इन पर 367.17 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस राशि में से इस वित्तीय वर्ष में 38.72 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 

कोटा, बूंदी एवं बारां जिलों में नहरों और माइनरों को बनाया जाएगा मजबूत, 367 करोड़ रुपये मंजूर . प्रतीकात्मक फोटो- Madhav Sharmaकोटा, बूंदी एवं बारां जिलों में नहरों और माइनरों को बनाया जाएगा मजबूत, 367 करोड़ रुपये मंजूर . प्रतीकात्मक फोटो- Madhav Sharma
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • May 10, 2023,
  • Updated May 10, 2023, 3:53 PM IST

राजस्थान सरकार ने नहरों, वितरिकाओं और माइनरों के सिस्टम को मजबूत करने की योजना बनाई है. इसमें हाड़ौती क्षेत्र के कोटा, बारां और बूंदी जिलों के लिए गहलोत सरकार ने 367.17 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इन जिलों में 406 किलोमीटर की पक्की लाइनिंग एवं खेत सुधार कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. नहर, वितरिकाओं और माइनर सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए कुल 17 काम प्रस्तावित हैं. इन पर 367.17 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस राशि में से इस वित्तीय वर्ष में 38.72 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. राजस्थान सरकार की इस स्वीकृति से प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र की सिंचाई जल नहरों की लाईनिंग एवं नहरी तन्त्र की संरचनाएं मजबूत होंगी. नहरों और वितरिकाओं से पानी का रिसाव भी नहीं होगा. बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत ने 2023-24 के बजट में इस बारे में घोषणा की थी. 

दक्षिण राजस्थान के लिए भी एक हजार करोड़ रुपये जारी हुए

राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले ही दक्षिणी राजस्थान के जिलों में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 1003.19 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस राशि से आदिवासी बहुल जिले डूंगरपुर, उदयपुर, झालावाड़, बांसवाड़ा, बारां जैसे जिलों में सिंचाई संबंधी काम किए जाएंगे. सिंचाई संबंधी परियोजनों के लिए जारी हुई इस राशि को राजस्थान के कई जिलों में सिंचाई परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा. इनमें डूंगरपुर जिले में मारगिया लघु सिंचाई परियोजना के तहत बांध एवं नहर का सुदृढ़ीकरण का काम किया जाएगा.

इसके अलावा भीलवाड़ा में मेजा बांध की मुख्य नहरों की मरम्मत की जाएगी. वहीं, बांसवाड़ा में अनास नदी पर साग डूंगरी एनिकट, थापड़ा एनिकट लिफ्ट सिंचाई परियोजना, सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, दानपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निर्माण, कागदी पिकअपवियर के डाउन स्ट्रिप एक्सेस चैनल की क्षमता वृद्धि एवं सुदृढ़ीकरण जैसे काम किए जाएंगे. 

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साथ ही झालावाड़ में आहू नदी पर एनिकट व कॉजवे, कंठाली नदी के कटाव की मरम्मत कर पानी के बहाव को रोकने के कार्य भी होंगे. इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में बड़ी, मानसरोवर व भावलिया बांध के एक्सेस पानी से 7.50 हैक्टेयर कमांड क्षेत्र में सोलर आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण, बूंदी में घोड़ा पछाड़ नदी पर बैंक प्रोटेक्शन कार्य किए जाएंगे.

ईआरसीपी के लिए 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने इस कार्यकाल में प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं पर खासा ध्यान दिया है. 1003 करोड़ रुपये के अलावा पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी के लिए भी इस बजट में 13,800 रुपये का प्रावधान किया है. इससे पहले भी राज्य सरकार ने ईआरसीपी के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. ईआरसीपी की कुल लागत 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक है. बजट घोषणा से करीब 24 हजार करोड़ रुपये इस योजना को मिल चुके हैं. 

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