पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से मांग की है कि इस सीजन में धान की फसल की बिना शर्त और तुरंत खरीद सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य के किसान पहले से ही कठिनाई में हैं और सरकार की नमी वाली शर्तें किसानों के लिए और मुश्किलें खड़ी कर रही हैं.
बाजवा ने कहा कि धान में 17 प्रतिशत नमी स्तर की शर्त मौजूदा हालात में प्रैक्टिकल नहीं है. उन्होंने सरकार से अपील की कि वो संवेदनशीलता दिखाते हुए किसानों से धान की खरीद सुनिश्चित करे, न कि केवल नौकरशाही नियमों पर अड़े रहे.
बाजवा ने कहा, "स्थिति नौकरशाही की नहीं, संवेदनशीलता की मांग करती है." उन्होंने राज्य सरकार से नमी की मात्रा वाली शर्तों सहित बिना किसी पूर्व शर्त के धान की फसल खरीदने का आग्रह किया. उन्होंने 2024 के धान खरीद सीजन के गंभीर आरोपों को भी याद किया, जब उनके अनुसार, किसानों को अपनी उपज कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर किया गया था, जिससे 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला हुआ था.
बाजवा ने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद मामले को दबा दिया गया और कोई उचित जांच शुरू नहीं की गई. बाढ़ में पहले ही 4.30 लाख एकड़ से अधिक खड़ी फसलें नष्ट हो चुकी हैं, बाजवा ने भगवंत मान सरकार से लालफीताशाही से ऊपर उठने और किसानों के हित में काम करने का आह्वान किया. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि जरूरी हो, तो राज्य के संकटग्रस्त किसानों को राहत दिलाने के लिए मामले को केंद्र सरकार तक बढ़ाया जाना चाहिए.
फतेहगढ़ साहिब जिले के सभी 32 खरीद केंद्रों पर व्यवस्था होने के बावजूद, अभी तक मंडियों में धान की आवक शुरू नहीं हुई है. जिला उपायुक्त सोना थिंड ने बताया कि लगभग 15 लाख मीट्रिक टन धान की आवक की उम्मीद है, लेकिन भारी बारिश के कारण फसल की कटाई में देरी हुई है.
हालांकि सरकार ने 16 सितंबर से धान की खरीद की घोषणा की है, लेकिन एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अनाज मंडी सरहिंद और जिले की किसी भी अन्य अनाज मंडी में अभी तक धान की आवक नहीं हुई है.
सोना थिंड ने बताया कि इस साल जिले की अनाज मंडियों में लगभग 5 लाख मीट्रिक टन धान की आवक होने की संभावना है, इसलिए उठान और भंडारण की सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. आढ़तियों, चावल मिल मालिकों और किसानों को सरकार के दिशा-निर्देशों के बारे में बता दिया गया है. उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों, आढ़तियों और मजदूरों को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है.
जिला आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष साधु राम भटमाजरा ने सरकार से अपील की है कि किसानों की सहायता के लिए कदम उठाए जाएं. उन्होंने पिछली बार हुई धान की खरीद में हुए घोटाले का भी जिक्र किया, जहां किसानों को मजबूरी में 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर फसल बेचनी पड़ी थी.