वाशिम जिले में बीते दिन फिर से बारिश हुई जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. यहां मानोरा शहर सहित अन्य इलाकों में तूफानी बारिश ने अपनी दस्तक दी. अक्सर देखा गया है कि जब भी तूफानी बारिश होती है तो उसका सबसे बड़ा शिकार किसान ही होता है. अचानक हुई बारिश के कारण मानोरा शहर की उपज मंडी में किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. किसान मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए लाए थे जो बारिश में भीग गई. अचानक आई बारिश के बीच किसी तरह किसान अपनी फसल को बचाने का प्रयास करते नजर आए.
बारिश के कारण मानोरा की उपज मंडी में किसानों की सोयाबीन, तुवर और भुईमुंग की फली भीग जाने से नुकसान हुआ है. अचानक हुई बारिश के कारण उपज मंडी में किसान की भुईमुंग (peanut) की फसल बहने लगी. युवा किसान अपनी फसल को बचाने की जी- तोड़ कोशिश करता नजर आया.
बीते 4 मई को भी जिले में तूफानी बारिश हुई थी. रिसोड़ शहर की उपज मंडी में मराठवाड़ सहित विदर्भ के कई जिलों से किसानों ने अपनी हल्दी की फसल बेचने के लिए लाई थी. अचानक हुई बारिश के कारण किसानों की हल्दी की फसल भीग गई थी. अपनी फसल को बचाने के लिए किसान कोशिश करते नजर आए. जहां युवा किसान ने सरकार से मदद की गुहार लगाई तो वहीं बुजुर्ग किसान ने उपज मंडी प्रशासन पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी उपज मंडी से तो निजी उपज मंडी बेहतर है जहां किसानों की फसल का एक दान भी खराब नहीं होता.
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मौसम विभाग ने विदर्भ के वाशिम, बुलढाना, अमरावती, चंद्रपुर, नागपुर और वर्धा जिलों में खराब मौसम का अंदेशा जताया है. कल और आज लगभग आधा घंटा हुई बेमौसम बारिश के कारण जहां किसानों को नुकसान हुआ है तो वाशिम जिला वासियों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है.
बारिश से भीगी फसल के बारे में किसान गौरव पवार ने कहा, सुबह 6 बजे ही किसानों ने अपनी फसल उपज मंडी में लाई थी. व्यापारियों के माल के कारण उपज मंडी के चबूतरे भर जाने के कारण किसानों की फसल भीग गई है, जिसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा. फसल की नीलामी के लिए मंडी से अभी तक कोई नहीं आया. हम भूखे प्यासे कब तक इंतज़ार करें. उपज मंडी का सभापति फोन स्विच ऑफ करके रखता है और अपने केबिन का दरवाजा बाहर से लॉक कर देता है. किसानों की समस्या हल नहीं कर सकते तो इन्हें सत्ता क्यों चाहिए, इनसे तो निजी उपज मंडी बेहतर है.
सोमवार और गुरुवार को दो दिन रिसोड़ शहर की उपज मंडी में हल्दी की फसल किसान लाते हैं, क्योंकि बाकी दिनों में दूसरी फसल की खरीद और फरोख्त की जाती है. गुरुवार 15 मई को मौसम सही नहीं होने के कारण उपज मंडी बंद रखी गई है, ताकि किसान आज अपनी फसल न लाएं. रिसोड़ शहर की उपज मंडी हल्दी के लिए चर्चित है, क्योंकि यहां पर मराठवाड़ा से और विदर्भ के कई जिलों से किसान अपनी हल्दी की फसल लाते हैं. फिलहाल उपज मंडी में हल्दी के दाम प्रति क्विंटल 12 हजार के करीब होने की बात पता चली है.
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वाशिम जिले के 12 प्रतिशत किसान हल्दी की फसल बोते हैं. जून माह में इसकी बुआई की जाती है और हल्दी की फसल अप्रैल और मई के महीने तक तैयार हो जाती है.