MP का यह जिला बना टमाटर का हब, किसानों को लाखों का मुनाफा, कई शहरों-राज्‍यों में हो रही सप्‍लाई

MP का यह जिला बना टमाटर का हब, किसानों को लाखों का मुनाफा, कई शहरों-राज्‍यों में हो रही सप्‍लाई

Anuppur Tomato Production: अनूपपुर के जैतहरी, पुष्पराजगढ़ और अनूपपुर ब्लॉक टमाटर उत्पादन के हब बन गए हैं. 15,500 किसान इससे जुड़े हैं. सब्सिडी और तकनीकी मदद से लागत घट रही है और उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 18, 2025,
  • Updated Jul 18, 2025, 8:07 PM IST

    मध्‍य प्रदेश परंपरागत खेती के अलावा बागवानी में भी अच्‍छा काम कर रहा है. यहां का बागवानी विभाग लगातार किसानों की आय बढ़ाने के लिहाज से विभ‍िन्‍न योजनाओं के जरिए और मार्गदर्शन कर उनका समर्थन कर रहा है. इस बीच, अनूपपुर के किसानों ने टमाटर की खेती में कमाल कर दिखाया है. बीते एक साल में जिले में 5,400 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में टमाटर की बंपर पैदावार हुई, जिससे उत्पादन का आंकड़ा 1.40 लाख मीट्रिक टन के पार चला गया. इस फसल से न सिर्फ किसानों को मोटा मुनाफा हुआ, बल्कि जिले का नाम भी दूसरे राज्यों तक गूंजने लगा है.

    डेढ़ से दो लाख रुपये हेक्‍टेयर का मुनाफा 

    जिले में टमाटर फसल की औसत 260 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता दर्ज की गई है. खास बात यह है कि अब जिले का टमाटर शहडोल, रीवा, सतना ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई शहरों में आसानी से बिक रहा है. अफसरों ने जानकारी दी कि टमाटर की एक हेक्टेयर खेती में करीब 50 से 60 हजार रुपये की लागत आती है, लेकिन किसान इसमें 1.5 से 2 लाख रुपये तक मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, प्रति एकड़ मुनाफा करीब 1 लाख रुपये तक पहुंच रहा है. इससे हजारों परिवारों की आर्थिक हालत सुधरी है.

    15 हजार से ज्‍यादा किसान जुड़े

    जिले के तीन ब्लॉक- जैतहरी, अनूपपुर और पुष्पराजगढ़ अब टमाटर उत्‍पादन हब बन चुके हैं. यहां करीब 15,500 किसान इस फसल से सीधे तौर पर जुड़े हैं. किसान हाइब्रिड और स्थानीय दोनों तरह की किस्में उगा रहे हैं.

    सरकारी मदद ने आसान किया रास्ता

    किसानों को उद्यानिकी विभाग की ओर से बीज, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी तकनीकों पर 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है. इससे उनकी लागत कम हुई है और साथ ही सिंचाई की दिक्कत भी कम हुई है. जिले में पचमढ़ी की तर्ज पर तकनीक का इस्‍तेमाल कर टमाटर की खेती को नई ऊंचाई दी जा रही है.

    मार्केटिंग सेंटर से मिलेगी मदद

    जिले को टमाटर उत्‍पादन का हब बनाने में कलेक्टर हर्षल पंचोली और उद्यानिकी विभाग के अधिकारी सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने बड़ी भूमिका निभाई है और उनकी निगरानी में यह बदलाव आया है. किसानों की उपज को बेचने के लिए स्थानीय स्तर पर मार्केटिंग केंद्र बनाए जा रहे हैं, ताकि बिचौलियों की भूमिका कम हो और किसानों को उचित मूल्य मिले.

    2 हजार हेक्‍टेयर बढ़ा बागवानी क्षेत्र

    बीते तीन सालों में जिले में 2,000 हेक्टेयर से ज्यादा नए क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों की खेती शुरू हुई है. टमाटर के साथ प्याज और नाशपाती की खेती में भी देखने लायक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे भविष्‍य में किसानों की आय बढ़ने के रास्‍ते खुल गए हैं.

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