
महाराष्ट्र के किसानों को इस बार सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय मंडियों में सोयाबीन 3,500 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,328 रुपये प्रति क्विंटल है. इससे किसानों को करीब 30 परसेंट तक का घाटा झेलना पड़ रहा है.
धाराशिव जिले के किसान अनिल पाटिल ने बताया —“इस साल महाराष्ट्र और देशभर में सोयाबीन उत्पादन 20-25 फीसद तक कम हुआ है. हमने सोचा था कि दाम बढ़ेंगे, लेकिन उल्टा नुकसान हो रहा है.”
महाराष्ट्र के व्यापारी और किसान दोनों ही मानते हैं कि मध्य प्रदेश की भावांतर योजना (Bhavantar Yojana) ने बाजार को प्रभावित किया है. इस योजना के तहत किसानों को बाजार भाव और एमएसपी के बीच का अंतर सरकार देती है, जिससे वहां के किसान नुकसान से बच जाते हैं.
इस वजह से मध्य प्रदेश से सस्ता सोयाबीन महाराष्ट्र की मंडियों में पहुंच रहा है, जिससे यहां की कीमतें और गिर रही हैं.
महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ (MSCMF) ने बताया कि खरीदी केंद्र शुरू करने की अनुमति में देरी के कारण बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है. संघ के अधिकारियों का कहना है कि अगर खरीदी जल्द शुरू नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों से अपील की है कि वे एमएसपी से नीचे फसल न बेचें. उन्होंने घोषणा की कि सोयाबीन और कपास के खरीदी केंद्र 30 अक्टूबर से शुरू होंगे, और किसानों का पंजीकरण उसी दिन से शुरू किया जाएगा. “सरकार हर किसान का उत्पाद खरीदेगी. केवल तब ही व्यापारी को बेचें, जब वह उचित दाम दे,” फडणवीस ने कहा.
राज्य कृषि विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है कि 10 लाख टन सोयाबीन की खरीदी मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत की जाए. अधिकारियों का कहना है कि केंद्र से समय पर मंजूरी मिलने पर ही किसानों को एमएसपी के बराबर दाम मिल पाएंगे और बाजार में स्थिरता लौटेगी.
किसान संगठनों ने मांग की है कि राज्य सरकार खरीदी में देरी न करे और भावांतर जैसी राहत योजना महाराष्ट्र में भी लागू करे, ताकि किसानों को घाटे में फसल बेचने से बचाया जा सके.
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीद के लिए 'भावांतर योजना' लागू है. अगर किसानों को MSP से कम कीमत दाम मिलते हैं तो मध्य प्रदेश सरकार इस योजना के तहत किसानों के घाटे की भरपाई करेगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह योजना खासकर सोयाबीन की फसल पर लागू होगी.
केंद्र सरकार की ओर से नए मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार यह तय करेगी कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले. सीएम मोहन यादव ने बयान में कहा कि योजना के तहत किसान पहले की तरह ही अपनी फसल मंडियों में बेचेंगे.