किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे, नलकूप बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ रुपये देगी सरकार

किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे, नलकूप बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ रुपये देगी सरकार

यूपी सरकार 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में किसानों को कई सौगात दी हैं. राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सिंचाई नलकूपों पर बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ खर्च किए जाएंगे. वहीं, किसानों को नहर और सरकारी नलकूप से मुफ्त सिंचाई सुविधा के लिए 1100 करोड़ का बजट तय किया गया है. बुंदेलखंड में सिंचाई पर सीजनल टैरिफ स्कीम ने खेती का रुख बदलने में मददगार साबित हुई है. 

बुंदेलखंड में सिंचाई के लिए सीजनल टैरिफ स्कीम बुंदेलखंड में सिंचाई के लिए सीजनल टैरिफ स्कीम
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Feb 05, 2024,
  • Updated Feb 05, 2024, 1:06 PM IST

यूपी सरकार 2024-25 के लिए राज्य का बजट आज 5 फरवरी को पेश किया है. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश का बजट 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है. इसमें 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं लाई गई हैं. राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि सिंचाई नलकूपों पर बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ खर्च किए जाएंगे. डार्क जोन में नलकूप बैन हटने से 1 लाख किसानों की उपज बढ़ाने में मदद मिली है. जबकि, बुंदेलखंड में सिंचाई पर सीजनल टैरिफ स्कीम ने खेती का रुख बदलने में मददगार साबित हुई है. वहीं, कृषि विश्वविद्यालयों के कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है और कुशीनगर में कृषि विश्वविध्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 

31 सिंचाई योजनाओं से 46 लाख किसानों को लाभ मिला

राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सिंचाई एवं जल संसाधन परियोजनाओं पर कहा कि हमारी सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गईं, जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई जिसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ. विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है. इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे. 

किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा के लिए 1100 करोड़ 

नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है. डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए 1020 करोड़ 

जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमेें 2000 करोड़ रूपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है. मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है. ग्राउण्ड वाॅटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है.

नलकूपों पर बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ खर्च होंगे 

किसानों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है. राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने  कहा कि डार्क जोन में नए निजी ट्यूबवेल कनेक्शन देने पर लगी रोक हटा दी गई है, जिसका सीधा लाभ करीब एक लाख किसानों को मिला.

बुन्देलखण्ड में सिंचाई के लिए सीजनल टैरिफ का लाभ 

राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी. उन्होंने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए उद्योग नीति 2022 के तहत पात्र यूनिट को वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है.

गन्ना के साथ अन्य फसलें करने से आय बढ़ी 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है. गन्ने के साथ सहफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई.वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है. पिपराईच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावॉट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लाण्ट की स्थापना भी की गयी है.

यूपी में कृषि विकास दर 5.1 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य 

उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाये हुए है. प्रदेश में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 160.95 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है. प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है. कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न नये कार्यों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
 

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