हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, सभी पार्टियों के नेता अपनी पार्टियों के प्रचार में व्यस्त हो गए हैं. हरियाणा प्रदेश में किसानों के क्या मुद्दे हैं? हरियाणा के किसानों और भाजपा किसान नेता और कांग्रेस किसान नेता, भाजपा नेता अजय मलिक और कांग्रेस नेता वीरेंद्र पहल और आम किसानों ने किसान तक से खास बातचीत की.
किसान तक से खास बातचीत में हरियाणा के किसानों ने कहा कि एमएसपी को लेकर किसानों से झूठ बोला गया है. पूरी फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जाती है. अगर दो क्विंटल फसल ज्यादा पैदा हो जाती है तो हमें उसे मंडी से वापस घर लाना पड़ता है. किसान की फसल मंडी में नहीं बिकती. एक एकड़ में कितनी फसल पैदा होगी और हम कितनी फसल मंडी में ले जाएंगे, ये कोई भी किसान नहीं जानता है. ऐसे में जब फसल ज्यादा हो जाता है तो किसानों को उसे घर लेकर आना पड़ता है.
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पोर्टल को लेकर भी किसानों ने कहा कि पोर्टल के जरिए किसानों को परेशान किया जा रहा है. बीजेपी पोर्टल की राजनीति करती है. बीजेपी सरकार ने खाद, बीज और कीटनाशकों के रेट भी बढ़ा दिए हैं. लेकिन किसान की फसल के दाम नहीं बढ़ाए गए. किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए. बीजेपी ने किसानों से जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं हुए. जो लोग समझ नहीं पा रहे हैं उन्हें इस बात को समझने की जरूरत है. लेकिन हम धीरे-धीरे सबको समझा रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि अगर एमएसपी की गारंटी लागू हुई तो इससे किसानों के हाथ कट जाएंगे. देश में एक राज्य हरियाणा भी है जो 23 फसलों पर एमएसपी दे रहा है.
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किसान नेताओं और किसानों के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई, जिसमें किसानों ने भाजपा नेता से सवाल पूछे कि जब किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे. तब आप की हरियाणा सरकार ने क्या कहा था. भाजपा नेता अजय मलिक ने कांग्रेस के किसान नेता वीरेंद्र पहल पर कई मुद्दों पर हमला बोला और कहा कि जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, तो एक साल ही धान की फसल हुई, लेकिन उससे पहले धान की फसल बिकती ही नहीं थी. हमने आढ़तिया सिस्टम बंद कर दिया और किसानों के खातों में सीधे पैसे भेजने शुरू कर दिए. इसे लेकर वीरेंद्र पहल और अन्य किसानों ने भाजपा पर हमला बोला. अजय मलिक ने भावांतर योजना का जिक्र किया, तो इसका भी कड़ा विरोध किया गया.