Dairy Farming: यूपी में अब होगा बदलाव! गांव में ही डेयरी किसानों को मिलेगा दूध का बाजार

Dairy Farming: यूपी में अब होगा बदलाव! गांव में ही डेयरी किसानों को मिलेगा दूध का बाजार

यूपी में योगी सरकार ने डेयरी किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए दूध और अन्य Dairy Products का बाजार गांव में ही उपलब्ध कराने की पहल की है. इसका मकसद गांव में ही Dairy Farmers को दुग्ध उत्पादों की उचित मूल्य पर खरीद को सुनिश्चित करना है. इसके लिए शुरू किए गए नंद बाबा मिशन में इस लक्ष्य को हासिल करने की कवायद तेज कर दी गई है.

यूपी के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने हाल ही में शुरू किया नंद बाबा डेयरी मिशन, फोटो: यूपी सरकार यूपी के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने हाल ही में शुरू किया नंद बाबा डेयरी मिशन, फोटो: यूपी सरकार
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Jun 14, 2023,
  • Updated Jun 14, 2023, 10:52 AM IST

योगी सरकार ने डेयरी किसानों को गांव में ही दूध का उचित दाम मिले, इसके लिए हाल ही में 1 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से नंद बाबा डेयरी मिशन शुरू किया है. इसके तहत सरकार गांव में ही डेयरी किसानों को बाजार की सुविधा मुहैया कराएगी. इस मिशन के तहत एक तरफ प्रति पशु, दूध की उत्पादकता बढ़ाने के माकूल उपाय किए जाएंगे, जिससे Dairy Farming को बढ़ावा मिलेगा, दूसरी तरफ दुग्ध उत्पादकता बढ़ने से डेयरी किसानों का मुनाफा बढ़ेगा, इसका मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन की हिस्सेदारी को बढ़ाना है. अंतिम तौर पर इस सबका लाभ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य की पूर्ति के रूप में मिलेगा. इसके लिए सरकार ने विकसित देशों में पशुपालन के क्षेत्र में प्रचलित 'प्रेसिजन डेयरी फार्मिंग' को यूपी के किसानों में प्रोत्साहित करने का फैसला भी किया है.

ये है प्रेसिजन डेयरी फार्मिंग

नंद बाबा डेयरी मिशन के तहत योगी सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित 'प्रेसिजन डेयरी फार्मिंग' को बढ़ावा देने की पहल की है. इसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से पशु पालक के हर पशु को एक यूनिट मान कर उसके स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है.

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हर गांव में सहकारी समिति

यूपी में दुग्धशाला विकास विभाग के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया नंद बाबा मिशन के तहत लगभग हर गांव में दुग्ध सहकारी समिति गठित करने का लक्ष्य है. इसके लिए डेयरी किसानों को गांव में ही डेयरी प्रोडक्ट की वाजिब दाम पर बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

इसके तहत प्रति पशु प्रतिदिन दूध की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए प्रिसिजन डेरी फार्मिंग को अपनाया गया है. योगी सरकार का दावा है कि यूपी के डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के फलस्वरूप गत फरवरी में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया के नामचीन निवेशकों ने यूपी के डेयरी क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्तावों पर सहमति जताई थी. निवेश के इन प्रस्तावों को जमीन पर उतारने का काम शुरू हो गया है.

गौरतलब है कि यूपी, देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य है।. पूरे देश में 221 मिलियन मीट्रिक टन दूध का उत्पादन होता है. इसमें यूपी की हिस्सेदारी 33 मिलियन मीट्रिक टन की है. दूध की उपलब्धता की बात अगर की जाए तो राष्ट्रीय स्तर पर 444 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता है. यूपी में यह मात्रा 392 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति है. सुशील ने बताया कि यूपी में दूध का उत्पादन एवं उपलब्धता को बढ़ाने के मकसद से नंद बाबा डेयरी मिशन को शुरू किया गया है.

डेयरी सेक्टर को संगठित करने का मकसद

सुशील ने बताया कि यूपी में फिलहाल डेयरी सेक्टर असंगठित है. मिल्क कलेक्शन के क्षेत्र में 21 प्रतिशत संगठित क्षेत्र और 79 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र की सहभागिता है. नन्द बाबा डेयरी मिशन के तहत हर गांव में डेयरी किसानों के छोटे समूह बनाकर सहकारिता के मॉडल को अपनाते हुए इस क्षेत्र को संगठित बनाना है. इसे संगठित क्षेत्र में तब्दील करने के बाद ही डेयरी किसानों की वित्तीय क्षमता को मजबूत बनाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर की पहली कड़ी, मिल्क कलेक्शन है. यह कड़ी पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र में विस्तृत है और असंगठित भी है. डेयरी सेक्टर को गांव, गौ और ग्राहक से जोड़ने के लिए बीच की तमाम कड़ियों को दूर कर डेयरी किसानों का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना इस मिशन का मकसद है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में दूसरी समस्या बाजार की उपलब्धता का अभाव है. फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादकों के पास बाजार की उपलब्धता बहुत सीमित है, जिसे इस मिशन के तहत बढ़ाया जाएगा.

बढ़ेगा पशुपालन का व्यवसाय‍िक दायरा

सुशील ने बताया कि डेयरी सेक्टर में पशु आहार का उत्पादन भी फिलहाल पूरी तरह से बाजार पर निर्भर है. मिशन के तहत पशुपालन की इस अहम कड़ी से भी गांव और किसानों को जोड़ा जा रहा है. इसके तहत 'वैल्यू एडेड एनिमल फीड' या फॉडर' के उत्पादन का काम गांव में ही किसानों को देने की बात कही गई है. इसके लिए 'आर्गनाइज्ड एनिमल फीड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट' की संख्या को बढ़ा कर इन्हें ग्रामीण इलाकों में स्थापित किया जाना है.

उन्होंने कहा कि सरकार डेयरी किसानों को सहकारिता के माध्यम से वैल्यू एडेड एनिमल फीड एवं फॉडर यूनिट स्थापित करने में मदद करेगी. इसके अलावा दूध का प्रसंस्करण कर अन्य डेयरी उत्पादों बनाने का काम भी गांव के स्तर पर किया जाएगा. इसके लिए सरकार मिल्क प्रोसेसिंग एवं प्रिसिजन डेयरी फार्मिंग में अपेक्षित कौशल के अभाव को दूर करने की योजनाएं चलाएगी. जिससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर दूध एवं प्रसंस्कृत दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ाया जा सके. इस मिशन के तहत दुग्ध प्रसंस्करण में संगठित क्षेत्र की सहभागिता को भी युद्धस्तर पर बढ़ाया जाएगा.

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गौ से ग्राहक तक पहुंचने का लक्ष्य

सुशील ने बताया कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन का उद्देश्य गांव में डेयरी किसानों को इस प्रकार की सुविधाएं देना है, जिनकी मदद से दुग्ध उत्पाद गौ से सीधे ग्राहक तक पहुंचने में आसानी हो. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसकी मार्केट चेन में उत्पादन से कलेक्शन, प्रोसेसिंग और उपभोक्ता तक पहुंचाने के केंद्र में डेयरी किसान को रखा गया है.

इसके लिए शुरू किए गए मिशन के तहत दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि करना, दूध कलेक्शन एवं प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि करना, कौशल विकास एवं तकनीक पर जोर देते हुए मूल्य संवर्धन को बढ़ाया जाएगा.

 

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