
महाराष्ट्र के सातारा ज़िले के माण तहसील के मलवडी गाँव की ‘राधा’ भैंस ने इतिहास रच दिया है. यह छोटी सी भैंस अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी है. ‘राधा’ को दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस का खिताब मिला है. ‘राधा’ का जन्म किसान त्र्यंबक बोराटे के घर 19 जून 2022 को हुआ था. जब वह बड़ी होने लगी, तो उसके छोटे कद पर सबका ध्यान गया. राधा की ऊँचाई मात्र 83.8 सेंटीमीटर (2 फीट 8 इंच) है, जो किसी सामान्य भैंस की तुलना में बहुत कम है.
त्र्यंबक बोराटे और उनके बेटे अनिकेत बोराटे, जो कृषि स्नातक हैं, ने ‘राधा’ की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी. जब ‘राधा’ ढाई साल की हुई, तो अनिकेत ने उसे कृषि प्रदर्शनियों में ले जाने का फैसला किया.
शुरुआत में किसी ने इस ठेंगनी भैंस पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन दिसंबर 2024 में सोलापुर के सिद्धेश्वर कृषि प्रदर्शन में ‘राधा’ ने सबका दिल जीत लिया. इसके बाद उसे पुसेगांव, निपाणी (कर्नाटक) सहित 13 कृषि प्रदर्शनियों में विशेष आमंत्रण मिला.
‘राधा’ की लोकप्रियता बढ़ती गई. 24 जनवरी 2025 को उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया. इसके बाद अनिकेत ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में आवेदन किया. निरीक्षण के बाद 20 सितंबर 2025 को ‘राधा’ का नाम आधिकारिक रूप से दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस के रूप में शामिल किया गया.
आज ‘राधा’ सिर्फ मलवडी गाँव ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की शान बन गई है. उसकी प्यारी अदाएँ और अनोखी कदकाठी लोगों को बेहद पसंद आ रही है. राधा यह साबित करती है कि अगर लगन और प्यार से देखभाल की जाए, तो कोई भी पशु दुनिया में नाम कमा सकता है. ‘राधा’ की कहानी एक प्रेरणा है कि छोटे गाँवों से भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. माण तहसील की यह छोटी भैंस अब पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही है.
ये भी पढ़ें:
Ladli Behna Yojana की 30वीं किस्त जारी, खाते में इतनी बढ़कर आई राशि, CM ने कही ये बात
Roj Ek Recipe: अब चावल के डोसे को कहें Bye-Bye, इस हेल्दी डोसे से बनाएं सेहत-बढ़ाए स्वाद