उत्तर प्रदेश में योगी सरकार खुले स्थानों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं के लिए 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाने जा रही है. निराश्रित गोवंश के चलते किसान के साथ-साथ अब सड़कों पर राहगीर भी परेशान है. उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को खुले में घूमने वाले पशुओं को पड़कर गो आश्रय स्थलों में भेजने के सख्त निर्देश दिए हैं. यही नहीं उन्होंने ऐसे पशुओ को छोड़ने वाले पशु मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे पशु जो खुले में घूम रहे हैं अगर उन्हें लगे टैग से पशु मालिकों की पहचान कर किसान को हुए नुकसान की भरपाई और उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली में अब तक 7500 से ज्यादा निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा चुका है.
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उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश को गो आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के लिए 1 नवंबर से दो महीने का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अब ऐसे पशु मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी जिन्होंने पशुओं को खुले में छोड़ दिया है. उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. यह अभियान 31 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा. निराश्रित गोवंश के लिए गौशालाओं की क्षमता में भी वृद्धि की जा रही है और अस्थाई गौशालाएं बनाई जा रही हैं. पशु के कान पर लगे टैग से मालिक का पता लगाकर किसान के नुकसान की भी भरपाई की जाएगी. पशुधन मंत्री ने बताया कि नंदिनी योजना के तहत जो दूसरे राज्यों से दो देशी गाय लाने पर उन्हें छूट मुहैया कराई जाएगी.
उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश में देसी गायों की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की योजना व्यापक रूप से चलाई जा रही है. इसके तहत साहिवाल, गिर, हरियाणवी ,गंगातिरी और थारपारकर नस्ल की पशु का सीमन इस्तेमाल होगा जिससे जो बछिया होगी उसकी दूध उत्पादक क्षमता अधिक होगी. ज्यादा दूध देने के कारण पशुपालक ऐसी गायों को नहीं छोड़ेंगे. यहां तक मुर्रा भैंस का सीमन भी पशुपालकों को फ्री में दिया जा रहा है. अभी उत्तर प्रदेश में केवल 15% उन्नत पशु है जबकि हरियाणा में उन्नत पशुओं की संख्या 85 से 90 फ़ीसदी तक है.