Tree Fodder: सर्दियों में बीमारी से बचाएगा और बकरे-बकरियों का दूध-मीट भी बढ़ेगा, खास है ये हरा चारा

Tree Fodder: सर्दियों में बीमारी से बचाएगा और बकरे-बकरियों का दूध-मीट भी बढ़ेगा, खास है ये हरा चारा

Tree Fodder for Goats सालभर मिलने वाला हरा चारा, दलहनी चारा और ऐसा जरूरी बकरे-बकरियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी होता है जो पेट भरने के साथ ही कई तरह की बीमारियों की रोकथाम भी करे. इसमे चारा फसल के साथ-साथ ट्री फोडर (पेड़ों का चारा) बहुत फायदेमंद रहता है. खासतौर से बकरी के बच्चों के लिए. 

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Nov 06, 2025,
  • Updated Nov 06, 2025, 2:56 PM IST

Tree Fodder for Goats एक्सपर्ट की मानें तो बकरे और बकरियों को पहले नंबर पर मीट और दूसरे नंबर पर दूध के लिए पाला जाता है. बकरे के मीट का देश-विदेश में बड़ा बाजार है. वहीं भारत में बकरी के दूध का बाजार अब बड़ा आकार लेने लगा है. यही वजह है कि जो बकरी पालक बकरों को मीट के लिए पालता है तो वो सोचता है कि बकरों की बॉडी ग्रोथ कैसे बढ़ेगी. वहीं बकरी पालक दूध उत्पादन बढ़ाने की जुगत में लगा रहता है. क्योंकि मीट के लिए पाला गया बकरा जितनी जल्दी मोटा-ताजा और हेल्दी बनेगा उतनी ही जल्दी बाजार में उसके अच्छे दाम मिलेंगे. 

और ये तब मुमकिन होता है जब बकरे-बकरियों को अच्छी खुराक यानि बैलेंस डाइट मिले. ऐसी बैलेंस डाइट जिसमे पोषक तत्वों से भरपूर हरा चारा शामिल हो. वहीं इस बारे में केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट का कहना है कि कई बार बकरे-बकरियों को होने वाली बीमारियां भी उत्पादन नहीं बढ़ने देती हैं. इसलिए खुराक ऐसी होनी चाहिए जिससे ग्रोथ भी हो और बीमारियों से भी बचे रहें. 

बकरे-बकरियों के हरे चारे में जरूर मिलाएं ये पत्तियां 

  • बकरे-बकरियों को नीम, अमरुद और मोरिंगा की पत्तियां जरूर खि‍लानी चाहिए. 
  • बरसात के दौरान भेड़-बकरियों को पेड़ों की पत्ति‍यां खि‍लाना बहुत फायदेमंद रहता है. 
  • फसली हरे चारे के मुकाबले पेड़ों की पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है. 
  • फसली चारे में ज्यादा नमी के चलते पशु डायरिया जैसी बीमारी के शि‍कार हो जाते हैं. 
  • बरसात में भेड़-बकरी पालक अमरुद, नीम और मोरिंगा की पत्तियां खि‍ला सकते हैं. 
  • पेड़ों की पत्तिकयां पेट भरने के साथ ही दवाई का काम भी करती हैं. 
  • इन पेड़ों की पत्तिपयों में टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. 
  • बरसात में तीनों पेड़ की पत्तियां खि‍लाने से भेड़-बकरियों के पेट में कीड़े नहीं होंगे. 
  • बरसात के दौरान दूषि‍त पानी पीने से भेड़-बकरियों के पेट में कीड़े होना आम बात है. 
  • पेट में कीड़े होने वाली बीमारी भेड़-बकरियों की ग्रोथ पर असर डालती है. 
  • पेट में कीड़े होने पर भेड़-बकरियां कितना भी खा लें उनकी ग्रोथ नहीं बढ़ती है.

ये है बकरियों को पेड़ की पत्तियां खि‍लाने का तरीका 

  1. बकरी जमीन पर पड़े चारे के मुकाबले डाल से तोड़कर खाना ज्यादा पसंद करती हैं. 
  2. डाल से तोड़कर खाए जाने वाले चारे को बकरी बड़े ही चाव से खाती हैं. 
  3. डाल से तोड़कर खाए जाने वाले से बकरे-बकरी की ग्रोथ तेजी से होती है. 
  4. नीम, अमरुद, मोरिंगा आसानी से न मिले तो गूलर और अरडू के पत्ते खि‍ला सकते हैं. 
  5. मोरिंगा का मुलायम तना भी बकरे*बकरियां बड़े आराम से खाती हैं.

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