
Animal Product ‘खासतौर पर साल 2020 से फूड मार्केट की तस्वीर एकदम बदल चुकी है. अगर आपके फूड प्रोडक्ट के साथ तीन खास बातें जुड़ी हुई हैं तो वो सैकड़ों साल तक बिकेगा. ये मार्केट का एक फंडा है. और मार्केट का ये फंडा आज भी कायम है. बाजार में आज नेशनल से ज्यादा सिटी और रीजनल ब्रांड पसंद किए जा रहे हैं. ऐसे ब्रांड जिसके प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग स्थानीय स्तर पर ही हुई है. ग्राहकों की इस सोच ने नेशनल ब्रांड बनी कंपनियों की परेशानी को बढ़ा दिया है.’ ये कहना है अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी का.
डॉ. सोढ़ी का ये भी कहना है कि आज दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. इसलिए किसानों को उसका उत्पादन बढ़ाना चाहिए जिसकी बाजार में डिमांड हो. ब्रांड और पैकिंग ऐसे प्रोडक्ट के लिए सोने पर सुहागा साबित होते हैं. क्योंकि बाजार की स्टाडी बताती है कि आज देश के गांवों तक में पैक्ड फूड और ब्रांड पर बात हो रही है.
आरएस सोढ़ी का कहना है कि आज बाजार में बिकने वाले फूड आइटम की बात करें तो ग्राहक को ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, फैट और एनिमल सोर्स वाला प्रोडक्ट चाहिए. यही वजह है कि बाजार की सालों-साल पुरानी एक रवायत आज भी कायम है और आने वाले वक्त में भी रहेगी, और वो है टेस्ट, न्यूट्रिशन और बजट में आने वाला प्रोडक्ट. इसका एक छोटा सा उदाहरण है कि आज दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. इसलिए किसानों को उसका उत्पादन बढ़ाना चाहिए जिसकी बाजार में डिमांड हो. ब्रांड और पैकिंग ऐसे प्रोडक्ट के लिए सोने पर सुहागा साबित होते हैं. क्यों कि बाजार की स्टाडी बताती है कि आज देश के गांवों तक में पैक्ड फूड और ब्रांड पर बात हो रही है. हालांकि ये अच्छी बात भी है.
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि विकसित भारत का सपना पूरा करने में किसानों और कृषि क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इसके लिए किसानों की इनकम बढ़ाकर उन्हें मजबूत बनाना होगा. इसके लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म भी कृषि की मार्केटिंग के नए रास्ते खोल सकते हैं. इसके लिए किसानों को ओएनडीसीए जैसे प्लेटफार्म का लाभ उठाना चाहिए. इसके साथ ही डेयरी और पशुपालन सेक्टर भी किसानों की इनकम बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने, स्किल डेवलपमेंट पर खास जोर देने की जरूरत है. अगर हम गांव-गांव तक इंटरनेट सुविधा पहुंचा पाए तो साल 2047 की कृषि से जुड़ी योजनाएं पूरी हो पाएंगी.
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