Cow Milk: देशभर में हैं गायों की 51 नस्ल, कुल दूध उत्पादन में ये है योगदान, पढ़ें डिटेल

Cow Milk: देशभर में हैं गायों की 51 नस्ल, कुल दूध उत्पादन में ये है योगदान, पढ़ें डिटेल

Cow Milk Production मध्य प्रदेश, यूपी, राजस्थान और बिहार में देसी नस्ल की गायों की सबसे ज्यादा संख्या है. मेरठ, यूपी में देश का सबसे बड़ा कैटल रिसर्च सेंटर बनाया गया है. देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए आर्टिफिशल सीमेन टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल की जा रही है. यूपी के कई शहरों में काऊ सेंचुरी बनाई जा रही हैं. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 30, 2025,
  • Updated Sep 30, 2025, 4:44 PM IST

Cow Milk Production गायों की रजिस्टर्ड नस्ल की संख्या 51 पर पहुंच गई है. इतना ही नहीं देसी गाय का पालन भी बढ़ रहा है. वजह है देसी गाय के दूध और घी का महत्व. आज बाजारों में देसी गाय के दूध से बना घी मुंह मांगे दामों पर बिक रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि गाय का दूध ही नहीं घी भी उत्तम माना जाता है. भैंस के मुकाबले गाय के दूध को कहीं ज्यादा गुणकारी बताया गया है. देश के दूध कारोबार में गायों का खासा आर्थिक योगदान है. 

आज देश में भैंसों से ज्यादा संख्या गायों की है. कुल दूध उत्पादन में हिस्सेदारी भी बड़ी है. गिर, राठी, नागौरी, सहीवाल और ब्रद्री गायों की अव्वल नस्ल में शामिल हैं. कुछ वक्त पहले तक देश में गायों की 41 रजिस्टर्ड नस्ल थीं, जो अब बढ़कर 51 हो गई हैं. देश में दूध उत्पादन की कीमत नौ लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. यह एग्रीकल्चर में किसी भी उत्पादन से ज्यादा है. गेहूं और धान की लागत जोड़ने पर भी इतनी नहीं होती है.

54.68 फीसद है गायों के दूध की हिस्सेदारी 

एक बार फिर बीते साल देश के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो साल 2023-24 में 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. इसमे 54.68 फीसद गायों के दूध की हिस्सेदारी है. एक साल में 1.10 करोड़ टन तक दूध उत्पादन बढ़ा है. खास बात यह है कि केन्द्रीय मत्सय, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो देसी गाय के दूध उत्पादन में खासी बढ़ोतरी हुई है. क्रॉस ब्रीड गाय का दूध उत्पादन भी बढ़ा है. वहीं विदेशी नस्ल की गायों के दूध उत्पादन में कमी आई है. 

डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो साल 2023-24 में देश में दूध का कुल उत्पादन 24 करोड़ टन पर पहुंच गया है. जबकि साल 2020-21 में दूध का उत्पादन 23 करोड़ टन दूध उत्पादन हुआ था. अगर बीते आठ साल की बात करें तो देश में 7.4 करोड़ टन से भी ज्यादा दूध का उत्पादन बढ़ा है.

ए2 है देसी गायों का दूध 

दूध में मौजूद एक खास तत्व की वजह से गाय का दूध अच्छा माना जाता है. खासतौर पर गाय के दूध से बने घी की बहुत डिमांड रहती है. और फिर बात बद्री गाय के दूध की हो तो उसके तो दाम भी मुंह मांगे मिलते हैं. एनिमल न्यूट्रीशन एक्सपर्ट डॉ. वीके सिंह ने किसान तक को बताया कि ए2 के चलते बद्री गाय के दूध की डिमांड ज्यादा होती है. इसके दूध को दवाई भी माना जाता है. बद्री गाय रोजाना कम दूध देती है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड में एक खास प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.

10 और देसी गायों को रजिस्टर्ड लिस्ट में मिली जगह 

हाल ही में कृषि मंत्रालय ने गायों की 10 नई नस्ल को और रजिस्टर्ड लिस्ट् में शामिल किया है. इससे पहले गायों की रजिस्टर्ड नस्ल की संख्या 41 थी. जिन 10 नई नस्ल को लिस्टन में शामिल किया गया है उसमे पोडा थुरुपू, नारी, डागरी, थूथो, श्वेता कपिला, हिमाचली पहाड़ी, पूर्णिया, कथानी, सांचौरी और मासिलुम है. नागालैंड की थूथो नस्ल भी रजिस्टर्ड हो गई है. इसका इस्तेमाल खासतौर पर खेती के काम में और समान ढोने वाली गाड़ी में किया जाता है. गोवा की श्वेता कपिला भी रजिस्टर्ड लिस्ट में शामिल हो गई है.

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