Artificial Insemination Tips जैसे-जैसे पशुपालक जागरुक हो रहे हैं वैसे ही गाय-भैंस को कृत्रिम तरीके से गर्भाधान कराने वालों की संख्या बढ़ रही है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि कृत्रिम गर्भाधान (एआई) के तीन बड़े फायदे हैं जिसके चलते पशुपालक जागरुक हो रहे हैं. इसमे दूध उत्पादन, नस्ल सुधार और बीमारियों से बचाव बड़े फायदे हैं. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे पशुपालक हैं जो कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी अफवाहों से घिरे रहते हैं. अगर ऐसे पशुपालकों से कृत्रिम गर्भाधान के बारे में कुछ बात करों तो वो अफवाहों से जुड़े सवाल पूछने लगते हैं.
जबकि ऐसे पशुपालकों को ये नहीं मालूम कि गाय-भैंस को प्राकृतिक रूप से गाभिन कराने के मुकाबले एआई सस्ती पड़ती है. लेकिन एआई का इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातों का जान लेना बहुत जरूरी है. खासतौर से उन पशुपालकों के लिए जो पहली बार अपनी गाय या भैंस को एआई से गाभिन कराने जा रहे हैं. अब देशभर के सभी सरकारी पशु चिकित्सा केन्द्र और पशु मैत्री सूचना मिलने पर पशुओं का एआई गर्भाधान करा रहे हैं.
प्राकृतिक गर्भाधान के मुकाबले कृत्रिम गर्भाधान के क्या फायदे हैं?
कृत्रिम गर्भाधान से गर्भाशय की बीमारियों और हानिकारक अप्रभावी एलील्स का खतरा बहुत कम हो जाता है. इसके अलावा एआई किफायती है. एक उच्च वंशावली सांड का इस्तेमाल उसकी मौत के बाद भी किया जा सकता है अगर उसके जमे हुए वीर्य की खुराक को संग्रहीत कर लिया जाए.
एआई प्राकृतिक गर्भाधान से कैसे अलग है?
प्राकृतिक सेवा में गाय को प्रजनन के लिए सांड़ के पास ले जाया जाता है, जबकि कृत्रिम गर्भाधान में प्रशिक्षित एआई तकनीशियन द्वारा किसी मान्यता प्राप्त वीर्य केंद्र पर रखे गए सांड के हिमिकृत वीर्य डोज से गाय का गर्भाधान किया जाता है.
क्या एआई बांझपन-रिपीट ब्रीडिंग का उपचार है?
एआई बांझपन या रिपीट ब्रीडिंग का एक उपचार नहीं है. यह रोग मुक्त आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठ वंशावली वाले सांड के वीर्य से पशु को गर्भित करने की एक कृत्रिम विधि है. यह प्राकृतिक सेवा के माध्यम से होने वाले रोगों की रोकथाम करने में मदद करता है. यदि कोई पशु बांझपन के कारण प्राकृतिक सेवा के माध्यम से गर्भित नहीं हो पा रहा है, तो वह कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से भी गर्भित नहीं हो पाएगा .
एआई की सफलता दर क्या है?
40 फीसद और उससे अधिक एआई की सफलता दर आदर्श मानी जाती है.
क्या एआई भैंसों में सफल है?
भैंसों में एआई गायों की तरह ही सफल है. इसमें केवल यह समस्या आती है कि वे अक्सर गर्मी में आने के लक्षण गर्मी के दौरान बहुत खुलकर नहीं दिखाती हैं.
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