हाल ही में चंडीगढ़ में वेट्स इन पोल्ट्री (वीआईपी) की ओर से पोल्ट्री सम्मि ट का आयोजन किया गया था. जहां पोल्ट्री एक्सपर्ट ने दावा किया है कि अगर अंडे-चिकन से जुड़ी कुछ अफवाहों को दूर कर दिया जाए तो पोल्ट्री सेक्टर और तरक्की कर सकता है. लेकिन अफसोस की बात है कि पोल्ट्री से जुड़ी हर आधारहीन अफवाह को भी सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर शेयर किया जाता है. जबकि अंडे-चिकन के बारे में गारंटी से कहा जा सकता है कि इतने कम दाम में प्योर और इससे ज्यादा प्रोटीन किसी और प्रोडक्ट में नहीं मिलेगा.
यही वजह है कि पोल्ट्री बिजनेस हर साल आठ से 10 फीसद के रेट से बढ़ रहा है. कोरोना के बाद से अंडे और चिकन की डिमांड बढ़ी है. देश में हर रोज 22 से 25 करोड़ अंडों की डिमांड होती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अंडे-चिकन की ये डिमांड अभी और बढ़ सकती है, अगर अंडे और चिकन से जुड़े ये आठ पाइंट्स जान लें बहुत सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी.
जरूर पढ़ें अंडे-चिकन से जुड़ीं ये खास बात
- बाजार में बिकने वाले सफेद अंडे में मुर्गी का चूजा नहीं होता है. अगर इसे मुर्गी के नीचे भी रख दिया जाए तो इसमे से चूजा नहीं निकलेगा.
- अंडे के बारे में कहा जाता है कि ये हॉर्ट से जुड़ी बीमारियों की वजह बनता है. लेकिन विश्व भर में अब तक हुई रिसर्च में अभी तक ये साबित नहीं हो सका है. अंडा सुराक्षित है इसीलिए विकसित देशों में अंडों की खपत 300 प्रति व्यक्ति सलाना और भारत में 103 अंडे प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष हैं.
- पोल्ट्री ऐग में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 85 फीसदी होता है. एक्सपर्ट इसे हैल्थ के लिए सामान्य बताते हैं.
- देशी मुर्गियों के अंडों की पौष्टिकता सफेद अंडों की तुलना में ज्यादा बेहतर होती है. फीड में अंतर होने के चलते देशी मुर्गी के अंडे, गहरे पीले रंग की जर्दी वाले होते हैं और उसका स्वाद बहुत ही लजीज होता है.
- अंडे में केलौरी का मान 185 कैलोरी 100 ग्राम है. चावल में 350 कैलोरी 100 ग्राम और खाना पकाने के तेल में 900 कैलोरी प्रति 100 ग्राम से कम है. यहां तक की 300 मिलीलीटर की कोल्ड ड्रिंक में दो पोल्ट्री ऐग के मुकाबले ज्यादा कैलोरी होती है.
- न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट कहते हैं कि अंडे के अंदर सब्जियों की तुलना में पोषक तत्वों का सबसे सस्ता सोर्स है. इस वजह से अंडा खाना सब्जियों के खाने से ज्यादा बेहतर है.
- अंडे में किसी भी तरह की मिलावट नहीं हो सकती है. यह पूरी तरह से प्रकृतिक है.
- चिकन (ब्रायलर मुर्गा) में भेड़ और बकरी के मीट की तुलना में कम वसा होता है. मोटापे से पीडि़त लोग बिना डेर चिकन खा सकते हैं.
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