महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालकों और किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. अब राज्य के पशुपालकों को प्रति लीटर 5 रुपए की सरकारी मदद मिलेगी इससे किसानों को मिलने वाले दूध का दाम बढ़ जाएगा, जिससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा. महाराष्ट्र के किसान अक्सर दूध के कम दाम को लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं. हालांकि इसके लिए एक शर्त भी लगाई गई है,जिसका किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. जबकि राज्य सरकार अपनी इस घोषणा को पशुपालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बता रही है. राज्य में बड़े पैमाने पर पशुपालन होता है. लेकिन यहां के किसानों और पशुपालक को दूध का उचित दाम नहीं मिल पाता.
इसलिए सरकार ने इस सब्सिडी की घोषणा की है.राज्य के डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने घोषणा की है कि सहकारी दूध संघों के माध्यम से एकत्र किए गए गाय के दूध के लिए दूध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. विखे पाटिल ने कहा कि यह योजना राज्य में सहकारी दुग्ध उत्पादक संगठनों के माध्यम से ही लागू की जाएगी. किसान सभा के नेता डॉ. अजित नवले ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. विरोध के पीछे उन्होंने एक बड़ा तर्क दिया है.
नवले ने कहा कि राज्य में 72 प्रतिशत दूध निजी संस्थाओं को दिया जाता है और सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी केवल सहकारी समितियों को दूध बेचने वालों को ही मिलेगी. इससे अधिकांश दूध उत्पादक किसान वंचित रह जाएंगे. इसलिए किसान सभा ने मांग की है कि सरकार सभी को सब्सिडी दे. नवले ने कहा कि सरकार ने जो दूध सब्सिडी का फैसला लिया है, उससे 72 फीसदी किसान वंचित रह जायेंगे. यह किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. सरकार को भेदभाव नहीं करना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि सरकार निजी और सहकारी दुग्ध संस्थाओं सभी को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दे.
राजस्थान में ऐसी योजना पहले से ही चल रही है, जिसमें सरकार दूध उत्पादक किसानों को अपनी ओर से मदद देती है. यहां भी 5 रुपये प्रति लीटर की मदद दी जाती है. लेकिन शर्त वही है जो महाराष्ट्र सरकार ने लगाई है. मदद सिर्फ सहकारी संस्थाओं को बेचे जाने वाले दूध पर मिलती है. पहले यहां सिर्फ 2 रुपये प्रति लीटर की मदद दी जाती थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 कर दिया गया.
ये भी पढ़ें: सूखे के बाद अब अतिवृष्टि ने बरपाया महाराष्ट्र के किसानों पर कहर, फसलों का काफी नुकसान