Gorakhpur News: इंसानों के बाद जानवरों में अगर सबसे ज्यादा कोई समझदार होता है, तो वह हाथी है. गजराज न सिर्फ अपने ताकत बल्कि बुद्धि के लिए जाना जाता है. उधर, गोरखपुर जिले में बिगड़ैल हाथी गंगा राम चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इस हाथी ने अपने महावत समेत तीन लोगों को कुचलकर मार डाला है. इस खतरनाक हाथी को रखने के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर में विशेष तौर पर बाड़े का निर्माण कराया जाएगा. गोरखपुर चिड़ियाघर के डायरेक्टर डॉ मनोज कुमार ने किसान तक से बातचीत में बताया कि इसके लिए बाड़ा बनाया जाएगा, जिस पर 16.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
बाड़े के निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि का प्रस्ताव बनाकर राजकीय निर्माण निगम ने शासन को भेज दिया है. उन्होंने बताया कि धनराशि जल्द आवंटित हो जाने की उम्मीद है. यह प्रदेश का पहला हाथी बाड़ा होगा जिसमें कम से कम दो जानवरों के रखा जाएगा. फिलहाल बिगड़ैल हाथी को मौजूदा समय विनोद वन में रखा गया है.
बता दें कि बीते 15 फरवरी 2023 को चिलुआताल क्षेत्र के मोहम्मदपुर माफी गांव में एक कलश यात्रा में शामिल हाथी गंगा राम बिदक गया था. उसने दो महिलाओं व 4 वर्षीय बच्चे को सूंड में लपेटकर पटकने के बाद कुचल दिया था. दोनों महिलाओं की मौके पर ही और बच्चे की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई थी. घटना के बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को काबू में कर रात में विनोद वन में रखा था. तभी से विनोद वन को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- UP Weather Today: उत्तर प्रदेश में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना, मौसम पर आया ये अपडेट
बताया जा रहा है कि गोरखपुर चिड़ियाघर में हाथी का बाड़ा ढाई एकड़ में बनाया जाएगा. साथ ही खतरनाक हाथी दर्शकों के संपर्क में न आए और बिदकने पर बाहर न जा सके, इसके लिए आरसीसी की चहारदीवारी बनाई जाएगी. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुसार बाड़े में हाथी के टहलने का स्थान, नहाने के लिए तालाब, रहने के लिए बड़े कमरे, खाने के लिए फीडिंग प्लेटफार्म, भोजन रखने के लिए स्टोर समेत अन्य सुविधाएं मौजूद रहेंगी.
यह भी पढ़ें- बरसात में बीमार पशु नहीं जा सकता अस्पताल तो डॉक्टरों की टीम आएगी बाड़े में, जानें डिटेल
गोरखपुर चिड़ियाघर के डायरेक्टर डॉ मनोज कुमार ने बताया कि चिड़ियाघर में बनने वाला बाड़ा दो जानवरों के लिए होगा. उन्होंने बताया कि गेंडा और हाथी को रखा जाएगा. नियमानुसार एक हाथी के लिए सवा एकड़ भूमि की जरूरत होती है, इसलिए ढाई एकड़ में दो हाथी का बाड़ा बनाया जाएगा.