Green Fodder and Weed बरसात और सर्दियों के दौरान हरियाली खूब होती है. खासतौर पर पशुओं को खाने के लिए भी हरा चारा खूब मिल जाता है. लेकिन हरे चारे के साथ-साथ खरपतवार भी बड़ी मात्रा में उग आती है. फोडर एक्सपर्ट की मानें तो खरपतवार दो तरह की होती हैं. एक वो खरपतवार जो पशुओं के लिए फायदेमंद होती हैं. जबकि बहुत सारी ऐसी भी खरपतवार होती हैं जो पशुओं को नुकसान पहुंचाती है. फोडर एक्सपर्ट डॉ. नवीन सिंह की मानें तो पंक्चरवाइन ऐसी खरपतवार होती है जो पशुओं के शरीर में छेद तक कर देती है.
ज्यादातर भेड़ें इसकी चपेट में आती हैं. यही वजह है कि खरपतवार से किसान ही नहीं पशुपालक भी बहुत परेशान रहते हैं. खरपतवार के चलते पशुओं को बहुत सारी ऐसी बीमारी या परेशानी होती है जिसके चलते गाय-भैंस का दूध उत्पादन कम हो जाता है. हॉर्ट की बीमारी के साथ ही खरपतवार से पशुओं का गर्भपात तक हो जाता है.
गर्भपात-हॉर्ट अटैक की वजह हैं ये खरपतवार
- लैंटाना कैमरा की पत्तियां खाने से पशु पीलिया का शिकार हो जाता है.
- लैंटाना कैमरा की पत्तियों का असर पशु की आंखों पर भी पड़ता है.
- छोटा धतूरा खाने से पशुओं को पीलिया भी हो जाता है.
- छोटा धतूरा किडनी और हॉर्ट पर भी असर डालता है.
- रोडो डेंड्रोन खरपतवार कश्मीर में होती है.
- रोडो डेंड्रोन खाने से भेड़-बकरी को दस्त लग जाते हैं.
- रोडो डेंड्रोन खरपतवार दूध और खून पर भी असर डालती है.
- पत्तेदार स्पेरेज के खाने से पशुओं को दस्त लग जाते हैं.
- पत्तेदार स्पेरेज खाने से पशुओं के शरीर में कमजोरी होने लगती है.
- पत्तेदार स्पेरेज खरपतवार भेड़ के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक मानी जाती है.
- एस्ट्रा ग्लाओस खरपतवार राजस्थान में होती है.
- एस्ट्रा ग्लाओस खाने से गर्भवती भेड़-बकरियों का गर्भपात हो जाता है.
भेड़ों की जान की दुश्मन है पंक्चरवाइन
- पंक्चरवाइन खरपतवार सूखे इलाके में होती है. इसकी चपेट में सबसे ज्यादा भेड़ आती हैं.
- ये भेड़ों की आंखों की रोशनी पर असर डालती है.
- पंक्चरवाइन भेड़ों के खुरों में घाव तक कर देती है.
- इतना ही नहीं पंक्चरवाइन पशुओं के शरीर में पंक्चर (छेद) कर देती है.
- पंक्चरवाइन खरपतवार पशुओं के पेट को भी बुरी तरह से प्रभावित करती है.
पशुओं को होती है सांस की बीमारी
- सूखे की स्थिति होने पर चेनोपोडियम खरपतवार पनपने लगती है.
- चेनोपोडियम में नाइट्रोजन की मात्रा एक हजार पीपीएम तक पहुंच जाती है.
- जब पशु चेनोपोडियम खाता है तो उसे सांस की बीमारी हो जाती है.
- गाजर घास के संपर्क में आने से पशु के शरीर पर सूजन और खुजली हो जाती है.
- जॉनसन घास जहरीली होती है, और इसका असर पशु के पूरे शरीर पर हो सकता है.
निष्कर्ष-
बरसात के दिनों में खेत, चारागाह और जंगल में हरियाली खूब होती है. लेकिन ये सीधे तौर पर पशुओं को खिलाने लायक नहीं होती है. इसी में खरपतवार भी शामिल होती है. इसलिए हरे चारे को सुखाकर और खरपतवार छांटकर ही पशुओं को खिलाएं.
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