Fodder and Water in Flood: बाढ़ और बरसात के दौरान गाय-भैंस को न पीने दें खुला पानी, हो सकती हैं ये बीमारियां  

Fodder and Water in Flood: बाढ़ और बरसात के दौरान गाय-भैंस को न पीने दें खुला पानी, हो सकती हैं ये बीमारियां  

Fodder and Water in Flood-Rain केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि बरसात और बाढ़ के दौरान संक्रमण के चलते पशुओं को कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. इसीलिए पशुओं को पानी पिलाने में बहुत ज्यादा ऐहतियात बरतने की सलाह दी जाती है. 

विशेष निगरानी टीम तैनात. (ITG)विशेष निगरानी टीम तैनात. (ITG)
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 02, 2025,
  • Updated Sep 02, 2025, 9:48 AM IST

Fodder and Water in Flood-Rain बरसात और बाढ़ के दौरान तालाब, कुएं और पोखर का पानी दूषि‍त हो जाता है. जगह-जगह बरसात और बाढ़ का पानी भी भर जाता है. ऐसे में छोटे-बड़े सभी पशु जैसे गाय-भैंस और भेड़-बकरियां सभी उसे पीने की कोशि‍श करती हैं. लेकिन पशुपालक भूल कर भी अपने पशुओं को ऐसे हालात में दूषि‍त पानी न पीने दें. इससे पशुओं को संक्रमण हो सकता है. पेट संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. क्योंकि बरसात और बाढ़ के दौरान पानी जल्दी दूषि‍त होता है और उसमें नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. और जैसे ही पशु चरने जाते वक्त या लौटते वक्त उस खुले पानी को पीते हैं तो बैक्टीरिया उनके शरीर में दाखि‍ल हो जाते हैं. 

पशुओं के लिए कैसे जानलेवा है बरसात-बाढ़ का पानी 

  • बरसात के चलते जगह-जगह पानी भर जाता है. 
  • मच्छर भी जमा हुए पानी पर लार्वा छोड़ने लगते हैं. 
  • खासतौर पर गांवों की पोखर और तालाब में पानी भर जाता है. 
  • बरसात के इस पानी में कई तरह के कीटाणु पनपने लगते हैं. 
  • और जब पशु इस पानी को पीता है तो वो बीमार पड़ जाता है. 
  • पशुओं को पानी पिलाने में क्या ऐहतियात बरतें 

  • बरसात के दिनों में पशुओं को खुले में पानी न पिलाएं. 
  • गांव के पोखर और तालाब में बारिश का पानी जमा न होने दें. 
  • अगर पानी जमा भी हो जाए तो उसमे लाल दवा मिला दें.
  • हमेशा से ताजा पानी बाल्टी या किसी और बर्तन में लेकर ही पिलाएं. 
  • बरसात के दिनों में मुमकिन हो तो पशुओं को पानी घर पर ही पिलाएं. 

बरसात-बाढ़ में हरे चारे का इंतजाम कैसे करें 

  • बरसात में पशुओं के हरे चारे पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. 
  • बरसात में कई तरह के कीड़े हरी पत्तियों और तने पर आकर बैठ जाते हैं. 
  • इस मौसम के हरे चारे में नमी बहुत ज्यादा होती है. 
  • हरे चारे में इस दौरान पानी की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है. 
  • ज्यादा हरा चारा खाने से पशुओं को डायरिया भी हो सकता है. 
  • हरा चारा काटकर और थोड़ा सा सुखाकर ही पशुओं को खिलाएं.

निष्कर्ष-

एनिमल एकसपर्ट की मानें तो मॉनसून के मौसम में हरा चारा और पीने का पानी ही बीमारी की सबसे बड़ी जड़ बनते हैं. क्योंकि बरसात और बाढ़ के दौरान खेत, बाग और जंगलों में चारों तरफ हरा चारा खूब उगता है. जगह-जगह पीने के पानी की भी कोई कमी नहीं रहती है. 

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