खेती-किसानी और डेयरी व्यवसाय (Dairy Farming) जैसे कामों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है. ग्रामीण अर्थव्यस्था (Rural Economy) में महिलाओं के बढ़ते योगदान के मद्देनजर अब उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है. इसी क्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की एक खास पहल ने गोरखपुर मंडल में नारी स्वावलंबन का नया दौर शुरू किया है. इस पहल का संवाहक बनी है महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए ही बनी श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी.
इस कंपनी का गठन दूध उत्पादन, संकलन के क्षेत्र में नजीर बनी बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर किया गया है. दो साल पहले गठित और सालभर से क्रियाशील श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में मंडल के 400 गांवों की 14,000 से अधिक पशुपालक महिलाएं सदस्य (शेयरहोल्डर) बन चुकी हैं. इन महिला सदस्यों के जरिये प्रतिदिन 48000 लीटर दूध का संग्रह कर आत्मनिर्भरता की कहानी रची जा रही है. अगले दो साल में महिलाओं की यह मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी प्रतिदिन 300000 लीटर दूध का संग्रह करने में सक्षम हो जाएगी.
राजकुमारी देवी परिवार के साथ घर और खेती के कार्यों में हाथ बंटाती थीं. परिवार के लोग पशुपालन करते हैं तो उसमें भी राजकुमारी सहयोग करती थीं. अक्टूबर, 2023 में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्तपोषित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सदस्यों ने राजकुमारी से मिलकर पशुपालन से आय पर चर्चा की. बताया कि पशुपालन में पैदा दूध को उनके गांव से ही खरीद लिया जाएगा और इसके रुपये उनके बैंक खाते में भेजे जाएंगे. परिवार की सहमति लेकर राजकुमारी शेयरहोल्डर बनीं और 15 पशुओं के दूध से एक वर्ष में 10 लाख 31 हजार 939 रुपये की कमाई की. राजकुमारी अब पशुओं की संख्या बढ़ाने की तैयारी में हैं.
देवरिया जिले के रुद्रपुर कोटवा की राजकुमारी की तरह पड़ोस के रुद्रपुर सचोली की सोनमती देवी के लिए भी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़ना वरदान से कम नहीं है. 18 जनवरी, 2024 से अब तक 9 लाख 74 हजार 546 रुपये की कमाई कर चुकी हैं. राजकुमार, सोनमती की तरह गोरखपुर मंडल की 431 महिलाएं दूध बेचकर लखपति बन चुकी हैं.
बता दें कि श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 2022 में गोरखपुर में किया गया है. इस कंपनी का कार्यक्षेत्र मंडल के चार जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर है. इस मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने विगत एक साल से कार्य करना शुरू किया है और इस कम अवधि में ही चारों जिलों में 400 गांवों की 14000 से अधिक महिलाएं शेयरहोल्डर बनकर प्रतिदिन 48,000 लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं. इस कंपनी ने गोरखपुर के कैम्पियरगंज, खजनी, बड़हलगंज, देवरिया के रुद्रपुर, पथरदेवा, भाटपार और कुशीनगर के कसया में दूध अवशीतन केंद्रों (मिल्क चिलिंग सेंटर्स) भी खोल दिया है जहां गांवों में सदस्य महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध को प्रोसेस किया जा रहा है.
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि अभी कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध की आपूर्ति मदर डेयरी की इटावा और मोतिहारी प्लांट को किया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर दूध की आपूर्ति के लिए गोरखपुर के गीडा में स्थापित पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज और ज्ञान डेयरी से भी बातचीत चल रही है. दूध संग्रह बढ़ने के साथ यह बातचीत भी फलदायी हो जाने की उम्मीद है.
सीईओ के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक से अधिक पशुपालक महिलाओं को शेयरहोल्डर बनाने और दूध संग्रह बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद ली जा रही है. पूरी उम्मीद है कि मार्च 2025 तक शेयरहोल्डर की संख्या मंडल के 500 गांवों में कम से कम 20,000 तथा प्रतिदिन दूध संग्रह 70,000 लीटर हो जाएगी. कंपनी ऐसी कार्ययोजना पर काम कर रही है जिससे अगले दो साल में दूध संग्रह प्रतिदिन 300000 लीटर हो जाए. कंपनी को अपना काम आगे बढ़ाने में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का भी सहयोग मिल रहा है.
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर बनकर पशुपालक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ चुकी हैं। दूध उत्पादन और संग्रह के कार्य से जुड़कर वे आय अर्जित कर पारिवारिक आमदनी में इजाफा करने में सक्षम हो रही हैं. इस कंपनी के सीईओ धनराज साहनी बताते हैं कि सालभर में ही कंपनी की 431 शेयरहोल्डर महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं. इन सभी ने एक लाख से अधिक का आय अर्जित किया है. दो महिलाएं तो ऐसी भी हैं जिन्होंने सालभर में 12 लाख की आय अर्जित की है.
जिस गांव में श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का दूध संकलन केंद्र हो या शुरू किया जा रहा है वहां की पशुपालक महिलाएं इस कंपनी की सदस्य (शेयरहोल्डर) बन सकती हैं। एक परिवार से एक ही महिला शेयरहोल्डर होगी. महिला को आवेदन के साथ 50 रुपये प्रवेश शुल्क जमा करना होगा और 100 रुपये प्रति शेयर की दर से कम से कम 5 शेयर लेने होंगे. इसमें से एक शेयर की कीमत आवेदन के साथ जमा करना होगा, बाकी के चार शेयर की कीमत का भुगतान उनके द्वारा दिए गए दूध के बिल की अदायगी से किया जाता है. यदि कोई महिला सदस्यता त्यागती है तो उसके द्वारा कंपनी में लगाई गई शेयर पूंजी उसके बैंक खाते में वापस दे दी जाएगी. हर सदस्य को एक वर्ष में कम से कम 200 दिन और कम से कम 500 लीटर दूध की आपूर्ति करनी होगी.
श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलता है. मिल्क चिलिंग सेंटर में दूध जमा करने पर उन्हें एक पर्ची मिलती है. हर दस दिन के बाद पर्ची पर दर्ज दूध और कीमत के विवरण के अनुसार भुगतान किया जाता है. दूध की कीमत बाजार में प्रचलित मूल्य के बराबर होता है. भुगतान के लिए हर माह की 3, 13 और 23 तारीख निर्धारित है. सदस्य महिलाओं को कंपनी के लाभ का अंश भी प्राप्त होगा.
मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की महिला शेयरहोल्डर को कंपनी की तरफ से पशु आहार और खनिज मिश्रण, पशुओं के थनैला रोग जांच, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण की भी सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा उन्हें पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने और अधिक दूध उत्पादन से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी.