बढ़ती धूप का मवेशियों पर भी हो रहा है बुरा असर, दूध में 15 प्रतिशत की आई गिरावट

बढ़ती धूप का मवेशियों पर भी हो रहा है बुरा असर, दूध में 15 प्रतिशत की आई गिरावट

गर्मी और तीखी धूप का असर केवल इंसानों पर ही नहीं देखा जा रहा. इसका बहुत गंभीर असर मवेशियों पर भी दिख रहा है. हिंगोली में गर्मी की वजह से मवेशियों का दूध उत्पादन 15-20 परसेंट तक गिर गया है. मवेशियों को गर्मी से बचाने के लिए डॉक्टर सलाह दे रहे हैं.

गर्मी से मवेशियों का दूध उत्पादन घट गया है
ज्ञानेश्वर उंडाल
  • Hingoli (Maharashtra),
  • May 24, 2023,
  • Updated May 24, 2023, 6:42 PM IST

इन दिनों महाराष्ट्र और मराठावाड़ा में तापमान 43 डिग्री के करीब है. बढ़ते तापमान से इंसानों के साथ-साथ जानवर भी परेशान हैं. बढ़ते तापमान का सीधा असर मवेशियों के दूध पर भी हो रहा है. तपती धूप के कारण दूधारु जानवर चारा कम खाते हैं. इससे दूध उत्पादन में 15 प्रतिशत गिरावट आई है. साथ ही दूध उत्पादन करने वाले किसानों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. एक तरफ मवेशियों का दूध घटा है, तो दूसरी ओर किसानों की आमदनी भी घट गई है. किसान दूध बेचकर ही अपना गुजारा करते हैं. लेकिन उत्पादन घटने से कमाई भी बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है. इससे भरी गर्मी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

भारत में खेती की तरह पशुधन भी किसान की आजीविका का मुख्य साधन माना जाता है. ग्रामीण इलाकों में किसान खेती के साथ-साथ ज्यादातर साइड बिजनेस कि तौर पर पशुपालन करते हैं. इससे उनको खेती के लिए खाद का इंतजाम भी होता है. मवेशियों का गोबर प्राकृतिक खाद का काम करता है जिससे फसलों की उपज बढ़ती है. सही मायने में देखा जाए तो दूध और पशुपाल का व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का एक मुख्य हिस्सा है. इससे किसानों का गुजारा तो होता ही है, साथ में पशुधन भी बढ़ता है. मगर इन दिनों तापमान में हुई वृद्धि के कारण जानवरों पर इसका बुरा असर देखा जा रहा है. इसके कारण पशुपालन करने वाले किसान परेशान हैं.

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गर्मी से घट गई किसानों की आमदनी

हिंगोली जिले के बेलवाडी के रहने वाले किसान परमेश्वर मांडगे खेती के साथ-साथ पिछले 20 साल से पशुपालन भी करते हैं. इनके पास अच्छी नस्ल की अलग-अलग प्रजाति की 85 से ज्यादा भैंसें हैं. मांडगे इन भैंसों से हर दिन 500 लीटर के करीब दूध निकलते हैं. मगर हिंगोली के तापमान में आई वृद्धि किसानों पर मुसीबत का सबब बन रही है. धूप की तपिश और लू लगने के कारण जानवर दूध कम दे रहे हैं. किसान परमेश्वर मांडगे ने जानवरों के बचाव के लिए भैंसों के शेड में फॉगर लगाए हैं. उसके साथ जानवरों के लिए एक बड़ा स्वीमिंग टैंक भी बनाया है. मगर इस साल फिर भी दूध में 20 प्रतिशत तक गिरावट आई है. 

तपती धूप से जानवरों की कैसे करें रक्षा

हिंगोली के साहयक उपायुक्त डॉक्टर दिनेश टाकले ने 'किसान तक' से बातचीत में कहा कि इस साल तापमान में अचानक आई वृद्धि का असर जानवरों पर ज्यादा हो रहा है. हिंगोली में इस साल 43 डिग्री से. के करीब तापमान चला गया है. ज्यादा तपिश के कारण जानवर  तनाव की स्थिति में होते हैं. इस वज़ह से जानवर चारा कम खाते हैं जिसका असर दूध पर होता है. इस साल बढ़ती धूप के कारण दूध में 15-20 प्रतिशत तक गिरावट आई है. ऐसे में धूप से जनवरों की रक्षा करना बहुत जरूरी होता है. वरना जानवर बीमार होकर बेहोश भी हो सकते हैं.

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दिनेश टाकले कहते हैं, धूप से बचाव के लिए जानवरों को ज्यादा से ज्यादा ठंडा पानी पिलाना चाहिए. जानवरों को छांव में बांधें और अगर मुमकिन हो तो बोरियां पानी में भीगाकर उनके ऊपर डालें. जानवरों को दिन में कम से कम दो बार पानी में बिठाएं ताकि धूप से जानवरों की रक्षा हो सके. इससे दूध में आई गिरावट भी कम हो सकती है.

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