मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिनों में यूपी के 8 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अलर्ट जारी करते हुए राज्य के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने कृषि क्षेत्र के लिए प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी करते हुए पूर्वी यूपी के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जिलों में बुधवार को भारी से बहुत भारी वर्षा होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, वाराणसी, सतं रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, उन्नाव और रायबरेली एवं आसपास के इलाकों में मध्यम या भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग ने अगले दो दिनों तक यूपी के तमाम जिलों में मानसून की सक्रियता बनी रहने की संभावना जताते हुए बारिश का मिलाजुला असर देखने को मिलने की बात कही है.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में चित्रकूट, प्रयागराज और मिर्जापुर जिलों एवं आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा बांदा, कौशांबी, फतेहपुर, सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों में कुछ स्थानों पर मध्यम दर्जे की और कहीं भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
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मौसम विभाग ने 3 से 4 जुलाई के दौरान बांदा, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, महाेबा और झांसी एवं इनके आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा कौशांबी, फतेहपुर, प्रयागराज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, रायबरेली, आगरा, इटावा, औरैया, ललितपुर जिलों और इनक आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी करते हुए संबद्ध जिला प्रशासन को अलर्ट वाले स्थानों पर भारी बारिश से संभावित नुकसान से बचाव एवं राहत के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है.
मौसम विभाग ने यूपी में एक जून से 31 जुलाई के बीच हुई बारिश का रिपोर्टकार्ड जारी करते हुए बताया कि सूबे के 6 जिलों (सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरपुर, एटा और कन्नौज) में सामान्य से अत्यधिक बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के मानकों के मुताबिक सामान्य से 60 फीसदी या इससे अधिक बारिश को अत्यधिक यानी Large Excess की श्रेणी में रखा जाता है. इसके अलावा हमीरपुर, महोबा, बदायूं, कासगंज, इटावा, फिरोजाबाद, संभल, गाजियाबाद, बाराबंकी और मैनपुरी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है. इन जिलों को सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत अधिक बारिश वाली Excess श्रेणी में रखा गया है. वहीं सामान्य बारिश वाली श्रेणी (सामान्य से 19 प्रतिशत कम या 19 प्रतिशत ज्यादा) ललितपुर, झांसी, जालौन, कानपुर, औरैया लखनऊ, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बुलंदशहर आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हापुड़, बलरामपुर और वाराणसी को शामिल किया गया है. शेष जिले बारिश कमी (सामान्य से 20 से 59 फीसदी कम बारिश) या बहुत कमी (सामान्य से 60 से 99 फीसदी कम बारिश) वाली श्रेणी में हैं. बहुत कम बारिश यानी Large Deficient श्रेणी में कुशीनगर, देवरिया, मऊ, संतकबीरनगर, मिर्जापुर, चंदौली, पीलीभीत और कौशांबी जिले शामिल हैं.
इस रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक यूपी में अब तक सर्वाधिक बारिश कन्नौज जिले में दर्ज की गई. यहां 1 जून से 31 जुलाई के बीच सामान्य से 101 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. वहीं कौशांबी और मिर्जापुर सबसे कम बारिश वाले जिले हैं. इनमें सामान्य से 70 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है.
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मौसम विभाग ने भारी वर्षा से फसलों पर पड़ने वाले संभावित असर को देखते हुए प्रदेश के किसानों को एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें कहा गया है कि खरीफ सीजन की मुख्य फसलों में शुमार मक्का की फसल काे भारी बारिश में जलभराव से नुकसान हो सकता है. विभाग ने किसानों को मक्का की फसल में वर्षा के दौरान रोगनाशक एवं कीटनाशक दवाएं नहीं देने और बारिश का पानी खेतों से निकालने का इंतजाम करने का सुझाव दिया है.
गन्ना की फसल में भी भारी बारिश से जलभराव होने के कारण फसल की ग्रोथ रुकने के प्रति आगाह करते हुए किसानों को सुझाव दिया है कि अधिक बारिश से खेतों में यदि पानी भर जाए तो उसे निकाल दें. सिंचाई काे फिलहाल स्थगित कर दें और उर्वरक एवं दवाओं का छिड़काव न करें. इसी प्रकार मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, तिल और धान की फसल को भी भारी बारिश में जलभराव से नुकसान होने का अंदेशा जताते हुए किसानों को खेतों से जल निकासी का इंतजाम करने और दवा का छिड़काव एवं सिंचाई कार्य स्थगित करने का परामर्श दिया है.
मौसम विभाग ने अगस्त और सितंबर माह में मानसून के पूर्वानुमान का जिक्र करते हुए कहा है कि भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में प्रचलित कमजोर अल-नीनो की परिस्थितियां मॉनसून के दूसरे चरण में प्रभावी होने की संभावना है. हालांकि इसी दौरान वर्तमान में हिंद महासागर में IOD का सकारात्मक असर अल नीनो के नकारात्मक प्रभाव को कुछ सीमा तक कम करेगा. विभाग का कहना है कि इस कारण अगस्त एवं सितंबर के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. यह इस इलाके में अब तक की बारिश की कमी को पूरा करेगा.
गौरतलब है कि जुलाई महीने में पूर्वी यूपी में सामान्य से 32 प्रतिशत कम बारिश हुई, वहीं पश्चिमी यूपी में इस दौरान सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. पूरे प्रदेश में जून एवं जुलाई में कुल 298.8 मिमी. बारिश हुई है. जो दीर्घकालिक अनुमान में 357.6 मिमी. की तुलना में 16 प्रतिशत कम है.
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