यमुना नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. मथुरा में नदी का जलस्तर 167.30 मीटर तक पहुंच चुका है जो खतरे के निशान से ऊपर है. 2010 के बाद यह अधिकतम जलस्तर है. यमुना नदी में उफान के चलते मथुरा वृंदावन शहरी क्षेत्र में 150 से अधिक कॉलोनियों में पानी घुस चुका है. वहीं 1 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है. नदी का जलस्तर 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ मथुरा के गोकुल बैराज से आगरा की ओर पानी का दबाव बढ़ गया है. 1.5 लाख क्यूसेक पानी गोकुल बैराज से छोड़ा गया है जिसकी वजह से मथुरा में यमुना के बढ़ते जलस्तर के स्थिर होने का अनुमान लगाया गया है.
आगरा में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यमुना का जलस्तर 498.2 फुट पर आ गया है . बढ़ते जलस्तर के चलते कैलाश गांव तक यमुना नदी का पानी पहुंच गया है. वही कैलाश गांव से 22 परिवारों को भी हटाया गया है . वही यमुना के बढे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने कैलाश मेले को भी स्थगित कर दिया था जो अब 21 जुलाई को आयोजित होगा. अलीगढ़ में भी यमुना के चलते एक दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है जिससे अब तक 6000 बीघे की धान ,बाजरा की फसल डूब कर बर्बाद हो चुकी है.
पहाड़ों की बारिश का असर अब मैदानी इलाकों पर दिखने लगा है. नरौरा बैराज से लगातार गंगा नदी में छोड़े जा रहे पानी के चलते नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. फर्रुखाबाद जनपद में गंगा और रामगंगा नदी में बाढ़ ने अब विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. जनपद के 50 से अधिक गांव में पानी घुस चुका है. गंगा नदी में आई बाढ़ के चलते जनपद के 20 स्कूलों में पानी भर गया है जिसके चलते शिक्षण कार्य पूरी तरीके से बाधित है.वही बाढ़ के पानी से गिरे 15 गांव की बिजली बाधित हुई है. बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर होरीलाल वर्मा ने बताया कि बाढ़ का पानी गांव में भर जाने से 15 गांव की बिजली काट दी गई है.
कुशीनगर के खड्डा इलाके में राप्ती नदी कि बढे जलस्तर के चलते 35000 की आबादी बाढ़ के पानी से प्रभावित है. वही बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. जनपद में घाघरा और बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है.
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