मॉनसून का सीजन खत्म, इस साल सामान्य रही बारिश, अल-नीनो के चलते सर्दी पड़ेगी कम: IMD

मॉनसून का सीजन खत्म, इस साल सामान्य रही बारिश, अल-नीनो के चलते सर्दी पड़ेगी कम: IMD

आईएमडी ने कहा कि इस बार अल नीनो अगले साल के वसंत तक रहेगा जिससे ठंड कम पड़ेगी. आईएमडी ने मॉनसून के बारे में भी बताया और कहा कि इस बार का सीजन समाप्त हो गया है और बारिश सामान्य रही है. इस बार देश में 94 परसेंट तक बारिश दर्ज की गई है.

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मॉनसून का सीजन खत्म, इस साल सामान्य रही बारिश, अल-नीनो के चलते सर्दी पड़ेगी कम: IMDमॉनसून सीजन खत्म, देश में 94 परसेंट हुई बारिश

अल नीनो की स्थिति के कारण इस साल सर्दी कम होगी. शीत लहर की स्थिति कम गंभीर होने की भी उम्मीद है और ठंडे दिन भी कम देखने को मिलेंगे. यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने दी है. आईएमडी ने कहा है कि पहली छमाही में मॉनसून सामान्य से 10 परसेंट अधिक रहा जबकि दूसरी छमाही में यह सामान्य से 17 परसेंट कम रहा. कुल मिलाकर इस साल मॉनसून में 94 परसेंट यानी सामान्य से 06 परसेंट कम बारिश दर्ज की गई. 

आईएमडी ने कहा कि अल नीनो की स्थिति 2024 के वसंत तक जारी रहेगी. पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून के बाद के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होगी. अक्टूबर महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

क्या कहा मौसम विभाग ने

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो का मुकाबला करने वाले पॉजिटिव फैक्टर के साथ 2023 का मॉनसून सीजन 94.4 प्रतिशत वर्षा के साथ खत्म हुआ, जिसे "सामान्य" माना जाता है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में मासिक वर्षा जून में एलपीए का 91 प्रतिशत, जुलाई में 113 प्रतिशत, अगस्त में 64 प्रतिशत और सितंबर में 113 प्रतिशत रही.

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महापात्रा ने कहा, 36 मौसम स्टेशनों में से तीन (कुल क्षेत्रफल का 9 प्रतिशत) में अधिक वर्षा हुई, 26 में सामान्य वर्षा हुई (कुल क्षेत्र का 73 प्रतिशत कवर), और सात में कम वर्षा हुई. कम वर्षा वाले सात सेक्शन के बारे में आईएमडी प्रमुख ने कहा, इस श्रेणी में नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी यूपी, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल हैं. 

बारिश का भी जानिए हाल

आईएमडी ने बताया कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य 1,367.3 मिमी की तुलना में 1,115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 18 प्रतिशत की कमी है. उत्तर पश्चिम भारत में लंबी अवधि के औसत 587.6 मिमी की तुलना में 593 मिमी वर्षा दर्ज की गई. मध्य भारत, जहां कृषि मुख्य रूप से मॉनसूनी बारिश पर निर्भर करती है, वहां सामान्य बारिश 978 मिमी के मुकाबले 981.7 मिमी दर्ज की गई. दक्षिण प्रायद्वीप में आठ प्रतिशत की कमी देखी गई. महापात्र ने बताया कि हिंद महासागर डाइपोल और मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन की वजह से इस साल मॉनसून सीजन प्रभावित रहा. 

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महापात्र ने कहा कि मॉनसून के मौसम के दौरान भारत में औसतन 13 की तुलना में 15 लो प्रेशर का सिस्टम बना, लेकिन उनका प्रभाव पूरी तरह से बिखरा रहा. प्री-मॉनसून ब्रीफिंग में आईएमडी ने भारत के लिए सामान्य मॉनसून का पूर्वानुमान दिया था. हालांकि, आईएमडी ने आगाह किया था कि अल नीनो दक्षिण पश्चिम मॉनसून को प्रभावित कर सकता है.

 

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