भारत के कई राज्यों से मॉनसून की वापसी हो चुकी है. लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक बार फिर कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 15 अक्टूबर तक दक्षिण और उत्तर पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश की भविष्यवाणी की गई है. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 13 से 15 अक्टूबर तक कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी पर, आईएमडी ने कहा, “बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं.
वहीं "अगले 2-3 दिनों के दौरान कर्नाटक के कुछ और हिस्सों और तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों में बारिश हो सकती है."
आईएमडी के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले 2 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के कुछ हिस्सों और तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य अरब के शेष हिस्सों से वापस चला जाएगा.
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आपको बता दें कि भारत में नवंबर से जनवरी तक अल नीनो सक्रिय रहने वाला है. इस दौरान मौसम में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. अल नीनो का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है, इसके पीछे जलवायु परिवर्तन भी एक कारण है. इससे पूरी दुनिया का तापमान लगातार बढ़ रहा है और मौसम के मिजाज में खतरनाक बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कहीं बाढ़, कहीं बेमौसम बारिश, कहीं ओलावृष्टि तो कहीं वज्रपात हो रहा है. इसके लिए जलवायु परिवर्तन और अल नीनो को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसका असर खेती के पैटर्न पर भी पड़ा है क्योंकि जब फसल उगने और पकने का समय आता है तो बारिश हो जाती है. या जब फसलों को कम तापमान की आवश्यकता होती है, तो अचानक तेजी से विकास होता है. इससे फसलों की पैदावार कम हो रही है.
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